आमतौर पर हम वाई-फाई में सिक्योरिटी के लिए WPA2 प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इस प्रोटोकॉल में ही एक खामी का पता चला है जिसके कारण किसी भी वाई-फाई में सेंध लगाकर उससे कनेक्टेड डिवाइस का डाटा चोरी किया जा सकता है। इसका खुलासा बेल्जियम के सिक्योरिटी रिसर्चर के यू ल्यूवेन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर मैथी वैनहॉफ और फ्रैंक पीसेंस ने किया है।
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ऐसे बचाएं अपने कंप्यूटर और मोबाइल
1.रिसर्चर के मुताबिक आपके डिवाइस में रिइंस्टॉलेशन अटैक (KRACKs) के जरिए सेंध लगाया जा सकता है। ऐसे में अपने वाई-फाई पर नजर रखें। वाई-फाई ऑफ-ऑन होता है तो सावधान हो जाएं और खुद से भी रिइंस्टॉलेशन से बचें।2. वैनहॉफ ने दावा किया है कि डाटा चुराने के लिए कोई अटैकर वेबसाइट पर रेंसमवेयर या मालवेयर इंजेक्ट कर सकता है। ऐसे में अपने लैपटॉप और पीसी पर नजर रखें। अपने आप पासवर्ड चेंज होता है तो सावधान हो जाएं। इसके अलावा लैपटॉप में कोई नया सॉफ्टवेयर दिखता है तो उसे फटाफट डिलीट करें।
3. एप्पल के आईओएस, एंड्रॉयड, लाइनेक्स, विंडोज और ओपनबीएसडी पर चलने वाले सभी डिवाइसेज पर अटैक हो सकता है। ऐसे में सिक्योरिटी अपडेट मिलते ही उसे अपडेट करें।
4. अटैक से बचने के लिए वाई-फाई राउटर को भी अपडेट करके उसका पासवर्ड चेंज कर सकते हैं। इसके अलावा फोन में भी अपडेट मिल रहा हो तो उसे अपडेट करें।
5. जिन फोन को कंपनी ने ही अपडेट देना बंद कर दिया है उनपर अटैक की संभावना ज्यादा है।