दिल्ली में नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के लिए स्कूल सोमवार 14 फरवरी से खुल रहे हैं। दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि उच्च माध्यमिक वर्ग के छात्र रोजाना कक्षाओं में आएं और शिक्षक छात्रों की सौ फीसदी उपस्थिति सुनिश्चित करने की कोशिश करें साथ ही सिलेबस को भी वक्त पर पूरा करें।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने घोषणा की कि वह 26 अप्रैल से बोर्ड परीक्षा आयोजित करेगा। दिल्ली के शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने शनिवार को आगामी परीक्षाओं की आवश्यक तैयारियों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की। दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा कि बैठक में शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा तथा अतिरिक्त निदेशक (स्कूल) रीता शर्मा शामिल हुईं।
कोरोना महामारी के मद्देनजर लंबे समय तक बंद रहने के बाद 7 फरवरी को कक्षा 9 से 12 के लिए स्कूल फिर से खुल गए। अब नर्सरी से कक्षा आठ तक के छात्रों के लिए स्कूल 14फरवरी से खुल रहे हैं।
बयान के अनुसार, शिक्षा निदेशालय ने स्कूल प्रमुखों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उच्च माध्यमिक वर्ग कक्षा 10 और 12 के छात्र रोजाना कक्षाओं में आएं। इसमें कहा गया है कि अगले दो माह तक शिक्षक छात्रों की सौ प्रतिशत उपस्थिति की कोशिश करें और समय का इस्तेमाल सिलेबस पूरा करने तथा रिवीजन और प्रैटिकल्स के जरिए छात्रों को परीक्षाओं के लिए तैयार कराने में करें। बैठक में यह भी कहा गया कि प्रैक्टिकल कार्य में ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि लंबे समय तक ऑनलाइन कक्षाओं के बाद, बच्चों की व्यावहारिक कक्षाओं पर बेहतर ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है ताकि उन्हें सीखने का अनुभव मिल सके। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्कूल प्रमुख बच्चों की सीखने की जरूरतों के अनुसार एसएमसी फंड का उपयोग करके अतिरिक्त संसाधन व्यक्तियों को भी बुला सकेंगे। साथ ही छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और स्कूलों के बंद होने के कारण पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई के लिए उपचारात्मक कक्षाएं संचालित की जाएंगी।
छात्र शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अकादमिक और एकेडमिक सेक्शंस में जाकर सैंपल पेपर्स और शिक्षण सामग्री भी डाउनलोड कर सकते हैं। छात्रों को स्कूल के माहौल में एडजस्ट करने में मदद करने के लिए दिल्ली सरकार के डीओई ने सभी स्कूल प्रमुखों को पहले दो हफ्तों में छात्रों की सामाजिक-भावनात्मक भलाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है। इस दौरान छात्रों को अपने अनुभवों को स्वतंत्र रूप से साझा करने और नए स्कूल के माहौल का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
यह देखते हुए कि दो साल के लिए स्कूल बंद होने से छात्रों के बीच सीखने की खाई गहरी हो गई है, सरकार ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जब वे लौटते हैं, तो शिक्षकों का ध्यान विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उनके कौशल, सामाजिक और भावनात्मक कल्याण का समर्थन करने और मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता को मजबूत करने पर होना चाहिए।