 सदियों से प्रकृति के कुछ रहस्य मनुष्य समझ नही सका है। ऐसा ही रहस्य झारखंड का ‘दलाही कुंड’ समेटे हुए हैं। इस कुंड के पास ताली बजाते ही कुंड से पानी उफनते लगता है और बाहर आने लगता है। यही नहीं इस कुंड की अनेकों खासियत ने इसे लोगों के आकर्षण का केंद्र बना दिया है।
सदियों से प्रकृति के कुछ रहस्य मनुष्य समझ नही सका है। ऐसा ही रहस्य झारखंड का ‘दलाही कुंड’ समेटे हुए हैं। इस कुंड के पास ताली बजाते ही कुंड से पानी उफनते लगता है और बाहर आने लगता है। यही नहीं इस कुंड की अनेकों खासियत ने इसे लोगों के आकर्षण का केंद्र बना दिया है।
अगर आप किनारे खड़े होकर ताली बजाएंगे तो पानी उफनते हुए ऊपर की तरह आ जाएगा। बिलकुल खाली तालाब एक मिनट में लबालब हो जाएगा। फिर थोड़ी देर में पानी नीचे चला जाएगा।
सर्दी में गर्म पानी और गर्मी में ठंडा पानी
इस तालाब की ये सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें सर्दी में गर्म पानी और गर्मियों मे ठंड़ा पानी आता है।
नहाने से रोग होते हैं दूर
इस कुंड में नहाने वाले लोगों का मानना है कि इस पानी से नहाने पर चर्म रोग भी दूर हो जाते हैं। कुंड का पानी साफ होने के साथ ही औषधियों से भरा हुआ है।
मन्नत होती है पूरी
इस कुंड में नहाने वाले लोगों का मानना है कि इस कुंड में जो भी कोई मन्नत मागंता है उसकी सारी मन्नतें पूरी होती हैं।
कुंड पर हो चुका है शोध
इस कुंड पर किए गए शोध से पता चला कि ताली बजाने से पानी में ध्वनि तरंगों की वजह से पानी पर असर पड़ता है लेकिन यह ऊपर कैसे आता है यह पता अभी नहीं चल पाया है।  
बोकारो से 27 किलोमीटर दूर है कुंड
1984 के समय में इस कुंड के पास मकर संक्रांति का मेला लगता था। लोग इस कुंड में स्नान करने के लिए आते थे। यह कुंड बोकारो से करीब 27 किलोमीटर दूर है।
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