अक्सर ऐसा होता है कि मौसम बदलते ही लोग सर्दी और जुकाम से पीड़ित हो जाते हैं। जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली थोड़ी सी कमजोर होती है ऐसे लोगों में सर्दी-जुकाम की समस्या आसानी से अपनी पैठ बना लेती है। सर्दी-जुकाम संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है। जो संक्रमित व्यक्ति से दूसरे लोगों में आसानी से प्रवेश कर सकती है। इस समस्या से बचने की तमाम दवाएं बाजार में मौजूद होती हैं। अगर आप इस रोग का प्राकृतिक उपचार करना चाहते हैं तो आप कुछ योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। इन योगासनों से न सिर्फ इन बीमारियों का सही उपचार हो जाता है, बल्कि आपका इम्यून सिस्टम भी काफी बेहतर हो जाता है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम – अनुलोम-विलोम सर्दी जुकाम की समस्या के लिए सबसे प्रभावकारी प्राणायाम है। इसे करने के लिए सबसे पहले सिद्धासन या सुखासन की स्थिति में बैठ जाएं। इसके बाद दाहिने हाथ के अंगूठे से नासिका के दाएं छिद्र को बंद कर लें और नासिका के बाएं छिद्र से सांस को भरें। अब बायीं नासिका को अंगूठे के बगल वाली दो अंगुलियों से बंद कर दें। इसके बाद दाहिनी नासिका से अंगूठे को हटा दें और दायीं नासिका से सांस को बाहर निकालें। कम से कम यही प्रक्रिया 3-5 बार दुहराएं।
हस्तपादासन – इसे करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। अब सांस अंदर खींचते हुए अपने दोनों हाथों को सिर की ओर ले जाएं और फिर सांस छोड़ते हुए पैरों की तरफ। घुटनों को बिना मोड़े हाथों से जमीन छूने की कोशिश करें। खड़े होकर आगे की तरफ झुकने से रक्त का प्रवाह हमारे सिर की तरफ बढ़ता है। यह क्रिया सायनस को साफ़ करती है। जिससे हमारे नाड़ीतंत्र को बल मिलता है तथा शरीर तनाव-मुक्त होता है।
शवासन – शवासन व्यक्ति को गहन आराम की स्थिति में ले जाकर शरीर में शक्ति व स्फूर्ति का संचार करता है। इसके अभ्यास से शरीर तनाव से मुक्त होता है। इसे करने के लिए सबसे पहले दरी पर लेट जाएं। सारे अंगो को शिथिल छोड़ दें। एकदम आराम की मुद्रा में आ जाएं।
मत्स्यासन – इसे करने के लिए सबसे पहले पद्मासन में बैठ जाएं। धीरे-धीरे पीछे झुकें और पूरी तरह पीठ पर लेट जाएं। अब बाएं पांव को दाएं हाथ से पकड़े और दाएं पांव को बाएं हाथ से पकड़ें। इसके बाद कोहनियों को जमीन पर टिका रहने दें। घुटने जमीन से सटे होनी चाहिए। अब आप सांस लेते हुए अपने सिर को पीछे की ओर लेकर जाएं। धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े। फिर लंबा सांस छोड़ते हुए अपने आरम्भिक अवस्था में आएं।