लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी बंगले को खाली करते समय तोडफ़ोड़ में करीब दस लाख रुपये का नुकसान होने का आंकलन किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आवंटित इस बंगले में हुए नुकसान की नियमानुसार रिकवरी होगी।
बुधवार को राज्य संपत्ति अधिकारी को सौंपी 266 पेज वाली जांच रिपोर्ट मेंं अधिकतर नुकसान टाइल्स टूटने व टोटी और पाइप आदि गायब होने का दर्शाया गया है। नुकसान का आकलन करने के लिए लोक निर्माण विभाग की पांच सदस्यीय टीम लगायी गयी थी। तोडफ़ोड़ के आरोपों की जांच कराने व सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा खाली किए बंगलों की वीडियोग्राफी करने के निर्देश राज्यपाल रामनाईक ने दिए थे।
उन्होंने राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों को तलब कर पूरे मामले की जानकारी ली थी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में उचित कार्रवाई करने को भी कहा था। पत्र के बाद एक्शन में आए राज्य संपत्ति विभाग ने पीडब्लूडी से नुकसान का आकलन करने के लिए कहा था।
गत 19 जून को पीडब्ल्यूडी ने तोडफ़ोड़ व नुकसान की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमिटी गठित की थी। चीफ इंजीनियर (भवन) सुधांशु कुमार को इसका अध्यक्ष बनाया गया जबकि निर्माण निगम के एमडी, चीफ आर्किटेक्ट और भवन एवं इलेक्ट्रिकल विभाग के एक-एक इंजीनियर को भी शामिल किया गया था।
जांच रिपोर्ट को लेकर राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारी अधिक बोलने से कतरा रहे है। बुधवार को जांच रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला ने बताया कि रिपोर्ट और साथ में मिली वीडियोग्राफी वाली सीडी का अध्ययन कराया जा रहा है। विभागीय रिपोर्ट से मिलान करने के बाद असल नुकसान का पता चल सकेगा। उनका कहना था कि नुकसान पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि राज्य संपत्ति विभाग के भवनों में होने वाले नुकसान की रिकवरी आवंटी से की जाती है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal