एजेंसी/ चण्डीगढ़- पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने एक मामले में अलग तरह की मिसाल कायम कर अनोखी सजा सुनाई. गौ हत्या के दोषी 6 व्यक्तियों को गौ शाला में प्रति व्यक्ति 9 हज़ार दान देकर समय पूर्व रिहाई के आदेश दिए.
हालांकि हरियाणा विधान सभा ने मार्च 2015 में गौ हत्यारों के खिलाफ कडा कानून पारित कर दिया था. जिसके तहत गौ संरक्षण अधिनियम में दोषी व्यक्ति को 10 साल तक की सजा और एक लाख रु. जुर्माने का प्रावधान किया गया था.
इन सभी आरोपियों को यमुना नगर में गौ हत्या के लिए दोषी ठहराया था.जस्टिस हरिपाल वर्मा की एकल पीठ ने यह आदेश पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान 14 मई को पारित किया.इस मामले में आरोपी मोहम्मद असलम, मोहम्मद अख़लाक़,गुलजार,मोहम्मद अरशद,मोहम्मद गुलफान और मोहम्मद इस्तकार ने याचिका दायर की थी.
आरोपियों के खिलाफ अप्रैल 2008 में मुकदमा दर्ज किया गया था.हरियाणा से यूपी में 20 बैलों को काटने के लिए ले जाने के दौरान पुलिस ने इन्हें पकड़ा था.स्थानीय अदालत ने फरवरी 2013 में पारित आदेश में 6 माह की जेल और एक हजार रु. प्रति व्यक्ति जुर्माना लगाया था.इसके खिलाफ एडीजे कोर्ट में अपील की गई जिसे कोर्ट ने फरवरी 16 में ख़ारिज कर दिया. बाद में जेल में रहते हुए आरोपियों ने हाई कोर्ट में अपील की.
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