नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शनिवार को कहा कि गुजरात विधानसभा चुनावों से दो बड़े सबक मिले हैं। लिहाजा, कृषि से जु़ड़ी समस्याओं और असंतोषजनक रोजगार की स्थिति से निपटना होगा। राजीव कुमार ने कहा कि सरकार की उपलब्धियां अधिसंख्य युवाओं की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पा रही हैं। दोनों राज्यों के युवाओं से यही बात निकलकर सामने आई है। वे असंतुष्ट रोजगार वाले युवा हैं। इसलिए ब़़डा सबक यह है कि असंतोषषजनक रोजगार से निपटा जाए।
राजीव कुमार ने कहा कि कृषि से जु़ड़ी समस्याएं दूसरा ऐसा मसला है जिससे निपटाना होगा। उन्होंने कहा, कृषि पिछड़ गई है। इसमें पीछे रह गए हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत कई चीजों में बदलाव करने होंगे। लेकिन, यह आसान नहीं है। अमेरिकी टेक कंपनी असेंचर के बयान कि 2035 तक जीडीपी में सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की हिस्सेदारी ही 957 अरब अमेरिकी डॉलर तक होगी, राजीव कुमार ने कहा कि उन्होंने इस बारे में कोई अनुमान नहीं लगाया है, लेकिन अगर भारत अर्थव्यवस्था में औपचारिक सुधार करता है तो इसमें और अधिक योगदान करने की क्षमता है।
उन्होंने कहा, ‘लघु-मध्यम उद्यमों और शीषर्ष उद्यमों में अंतर को खत्म करना होगा क्योंकि वृद्धि की क्षमता पहले वाले उद्यमों में है क्योंकि कारोबारी जगत का 98 फीसदी उन्हीं से है। अगर हम ऐसा करेंगे तो नई तकनीक जीडीपी में कहीं ज्यादा योगदान दे सकती है।’ ऑटोमेशन की वजह से बेरोजगारी बढ़ने के भय पर राजीव कुमार ने कहा कि तकनीक हमेशा ही प्रगति लाती है, लेकिन इससे संवेदनशील तरीके से निपटना होगा। उन्होंने कहा, ‘नई तकनीक को अपनाने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इसका इस्तेमाल नए क्षेत्रों में रोजगार सृजित करने में किया जाए। ताकि जिन लोगों को पुरानी व्यवस्था में रोजगार न मिल सके वे नई व्यवस्था में रोजगार हासिल कर सकें।’