सिर्फ नाम के पीएम थे मनमोहन, सोनिया के हाथ में था यूपीए का रिमोट!

sonia-gandhi-manmohan-singhनई दिल्लीः क्या मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री होते हुए भी महज सोनिया गांधी का हुक्म मानने वाले नेता थे? एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया कि केंद्र सरकार 700 से ज्यादा ऐसी फाइल सार्वजनिक करने पर विचार कर रही है, जिनसे मनमोहन सिंह के कठपुतली पीएम होने की बात साबित होगी। 

2012 में जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने संसद के बाहर ये “हजारों जवाबों से अच्छी मेरी खामोशी है, न जाने कितने सवालों की आबरू रखी” शेर कहकर सुर्खियां बना दी थी। उनकी चुप्पी को लेकर अक्सर सवाल उठते थे। विरोधी आरोप लगाते थे कि मनमोहन सिंह का रिमोट कंट्रोल सोनिया के हाथ में है और उन्हीं के इशारे पर वो काम करते हैं। मनमोहन सिर्फ नाम के पीएम हैं सरकार सोनिया ही चलाती हैं।

पूरा दखल देती थी साेनिया
अब एक बार फिर यही आरोप लग रहे हैं और इस बार कहा जा रहा है कि सबूत भी सामने आ सकते हैं। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, ये फाइलें सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) की हैं। इन फाइलों से पता चलेगा कि कैसे यूपीए के 10 साल के शासन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ही पर्दे के पीछे से पूरी सरकार को नियंत्रित कर रही थीं? यूपीए के शासनकाल में एनएसी कोयला, ऊर्जा, विनिवेश, रियल एस्टेट, प्रशासन, सामाजिक और औद्योगिक क्षेत्र जैसे सरकारी नीतिगत मसलों पर पूरा दखल देती थी। इसका सीधा सीधा मतलब ये हुआ कि एनएसी के जरिए बिना किसी जवाबदेही के सोनिया गांधी सत्ता पर पूरा नियंत्रण रख रही थीं। यूपीए 2 के समय में क्या हो रहा था?
इन फाइलों के हवाले से अखबार ने दावा किया है कि एनएसी केंद्र सरकार के किसी भी अधिकारी को 2 मोती लाल नेहरू प्लेस में बने दफ्तर में हाजिर होने को कहती थी। मंत्रियों को पत्र लिखकर उसमें कही बातों पर रिपोर्ट मांगती थी। ऐसी खबरें आने के बाद बीजेपी ने अब सोनिया गांधी को घेरना शुरू कर दिया है। बीजेपी नेता सिद्धार्थनाथ ने कहा है कि निर्णय लेने का अधिकार तब प्रधानमंत्री जी को नहीं बल्कि सोनिया जी को था। देश की जनता को पता चलना चहिए की किस प्रकार सोनिया जी और एक एक्स्ट्रा कंस्टीट्यूशनल बॉडी एनएसी निर्णय ले रही थी। पता चलना चहिए कि यूपीए और यूपीए 2 के समय में क्या हो रहा था? फाइलों के हवाले से अखबार ने दावा किया है कि मनमोहन सिंह के पास इस समिति के आदेश मानने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं था। 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com