पितृपक्ष 2017: श्राद्ध में ना करें ये गलतियां नहीं तो भोगना पड़ सकता है नरक
पितृपक्ष 2017 श्राद्ध में ना करें ये गलतियां नहीं तो भोगना पड़ सकता है नरक

पितृपक्ष 2017: श्राद्ध में ना करें ये गलतियां नहीं तो भोगना पड़ सकता है नरक

इस वर्ष पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू हो रहे हैं जो अमावष्या तक यानी 15 दिन चलेंगे। हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष को पितरों या पूर्वजों के दिन के रूप में माना जाता है। इन दिनों लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धापूर्वक याद कर पूजा अर्चना करते हैं और पितरों के नाम पर दान करते हैं, भूखों को खाना खिलाते हैं। ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि इन दिनों पितरों के नाम पर जो भी कुछ दान किया जाता है कि वह स्वर्गवासी हो चुके पूर्वजों की आत्मा को मिलता है।पितृपक्ष 2017: श्राद्ध में ना करें ये गलतियां नहीं तो भोगना पड़ सकता है नरक

श्राद्ध और पितृ पक्ष को लेकर और भी कई पौराणिक मान्यताएं हैं जिनका इन दिनों ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। ये मान्यताएं खासकर उनलोगों पर लागू होती हैं जो श्राद्ध करते हैं।

श्राद्ध करने के लिए मनुस्मृति और ब्रह्मवैवर्त पुराण जैसे शास्त्रों में बताया गया है कि दिवंगत पितरों के परिवार में या तो ज्येष्ठ पुत्र या कनिष्ठ पुत्र और अगर पुत्र न हो तो धेवता (नाती), भतीजा, भांजा या शिष्य ही तिलांजलि और पिंडदान देने के पात्र होते हैं। 

कई ऐसे पितर भी होते है जिनके पुत्र संतान नहीं होती है या फिर जो संतान हीन होते हैं। ऐसे पितरों के प्रति आदर पूर्वक अगर उनके भाई भतीजे, भांजे या अन्य चाचा ताउ के परिवार के पुरूष सदस्य पितृपक्ष में श्रद्धापूर्वक व्रत रखकर पिंडदान, अन्नदान और वस्त्रदान करके ब्राह्मणों से विधिपूर्वक श्राद्ध कराते है तो पितर की आत्मा को मोक्ष मिलता है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com