गॉल: टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा के पिता अरविंद पुजारा अब अपने बेटे प्रति उतने सख्त नहीं रहे. सभी इस बात से परिचित हैं कि एक समय चेतेश्वर के पिता और पूर्व रणजी खिलाड़ी अरविंद पुजारा ने अपने बेटे को क्रिकेट की बारीकियां सिखाने में सख्ती बरती है. और अब यह भारतीय खिलाड़ी अपने 50वें टेस्ट की तैयारी में है. तीसरे नंबर का यह ‘डिपेंडेबल’ बल्लेबाज इस बात से खुश है कि उनकी सबसे ज्यादा आलोचना करने वाले पिता अब इतने सख्त नहीं हैं जितने वह हुआ करते थे.
पुजारा ने अपने पिता के योगदान के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘मेरे पिता हमेशा मेरे बेस्ट और खराब आलोचक रहे हैं. कभी कभार वह काफी आलोचना करते हैं लेकिन अब हमारी आपसी समझ ऐसी हो गयी है जिसमें हम हमेशा बातचीत के बाद एक फैसले पर पहुंच जाते हैं. और अब वह इतने ज्यादा सख्त नहीं हैं.’’
अभी तक पुजारा ने 49 टेस्ट मैचों में 52.18 के औसत से 3966 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक शामिल हैं. इन शतकों में नवीनतम गॉल में समाप्त हुए पहले टेस्ट में बना था जिसमें भारत ने चार दिन के अंदर 304 रन से जीत दर्ज की थी.
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पुजारा ने कहा,‘‘अभी तक का सफर शानदार रहा है. देश के लिये 50वें टेस्ट मैच में खेलना मेरे लिये गर्व की बात है. हां, इसमें उतार चढ़ाव रहे हैं लेकिन मेरी हाल की अच्छी फार्म को देखते हुए मैं अपने 50वें टेस्ट में कुछ रन बनाने के लिए तैयार हूं.’’
पुजारा के लिये उनका सात साल का अंतरराष्ट्रीय कैरियर 2015 तक मुश्किलों भरा रहा. शुरूआती चरण में उन्हें घुटने की चोट का सामना करना पड़ा.
उन्होंने कहा, ‘‘चोटिल होना मेरे करियर का सबसे मुश्किल समय रहा. मैं घुटने की चोट के कारण छह महीने तक बाहर रहा और फिर दोबारा 2011 में मैं फिर छह महीने के लिये बाहर हो गया. मैं पूरे साल नहीं खेल सका, जो मेरे लिये काफी कठिन था.’’
पुजारा ने कहा,‘‘जब आप चोटिल होते हो तो आपको दोबारा से लय में आने की जरूरत होती है. चोट मेरे करियर का सबसे मुश्किल समय था लेकिन अब मैं इससे बाहर निकल गया हूं और अपनी फिटनेस पर काम कर रहा हूं. ’’