जवान, हसीन और खिलखिलाती लड़कियों को स्क्रीन पर सेक्स करते देखना बहुत से लोगों का दिल खुश कर देता है. लोग बड़ी जहानत से पॉर्न देखते हैं, बाथरूम जाते हैं और लौटकर स्क्रीन बंद कर देते हैं. कुछ घंटों का सुकून. लेकिन, स्क्रीन पर राजी-खुशी सेक्स करने वाली इन लड़कियों की असल हालत न तो लोग जानते हैं और न जानना चाहते हैं.
जापानी पॉर्न स्टार साकी कोजाई इन्हीं लड़कियों में से एक हैं. 6 साल पहले टोक्यो की सड़क पर जब एक मॉडल स्काउट ने उन्हें जॉब ऑफर दिया, तो साकी को लगा कि उनका ख्वाब पूरा होने वाला है, पर ये झांसा था.
तब साकी महज 24 साल की थीं. प्रमोशनल वीडियो में काम मिलने की बात सुनी तो एक्साइटमेंट में कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लिया. बाद में पता चला, धोखा हुआ है. आज वो पॉर्न स्टार हैं.30 साल की साकी अब उन लड़कियों में शामिल हैं,
जो पॉर्न के डरावने साए से बाहर आकर आवाज उठा रही हैं. वो खुलकर बोल रही हैं कि वो अपनी मर्जी से पॉर्न इंडस्ट्री में नहीं गईं, बल्कि उन्हें जबरन धकेला गया था इस धंधे में. जापान की पॉर्न इंडस्ट्री सैकड़ों बिलियन डॉलर की है, लेकिन पैसा आखिरी सच नहीं होता. कॉन्ट्रैक्ट साइन करते समय साकी को ये भी नहीं पता था कि जो कंपनी उन्हें काम दे रही है, वो कोई मॉडलिंग एजेंसी नहीं है. जॉब के पहले दिन उन्हें उनका काम पता चला: कैमरे के सामने सेक्स करना है. वो बताती हैं,
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जापानियों में पॉर्न फिल्मों का बहुत क्रेज है. पॉर्न को लेकर उनका ऐटीट्यूड बहुत ही लिबरल है, लेकिन पॉर्न इंडस्ट्री के डरावने चेहरे पर शायद ही कभी बात होती है. पॉर्न आर्टिस्ट्स के नाम के आगे स्टार जरूर लगा होता है, पर उनकी जिंदगी में अंधेरे के सिवा कुछ नहीं होता. हम सलमान खान और सनी लियोनी को स्क्रीन पर देखते हैं और उन्हें छींक आने तक की खबर होती है हमारे पास. लेकिन, पॉर्न इंडस्ट्री की लड़कियों को इंसान समझा ही नहीं जाता.
पॉर्न फिल्मों में लड़कियों से उनकी मर्जी के खिलाफ ब्रूटल सेक्स करवाया जाता है. इसे लेकर इंडस्ट्री ने बिना शर्त माफी भी मांगी थी. जापान में अक्सर ऐसे एजेंट गिरफ्तार होते रहते हैं जो लड़कियों से जबरन पॉर्न फिल्में करवाते हैं.
साकी की तरह उन लड़कियों को भी लगता है कि वो मॉडलिंग करने जा रही हैं, लेकिन स्टारडम के लालच में धोखा खा जाती हैं.साकी की तरह एक और लड़की ने भी अपनी कहानी बताई, जिसे उसका काम बताए बिना कॉन्ट्रैक्ट साइन कराया गया था. उसने बताया, ‘एजेंसी महीनों तक मुझे राजी करने की कोशिश करती रही. मेरे पास कोई रास्ता नहीं था.
जब मैंने किया तो मुझे बहुत दर्द हुआ, लेकिन प्रोडक्शन टीम रुकी नहीं. वो अपना काम करते रहे.’पॉर्न इंडस्ट्री में काम करने वाली अधिकतर लड़कियां 18 से 25 साल की होती हैं. उन्हें लीगल कॉन्ट्रैक्ट्स की ज्यादा जानकारी नहीं होती. कइयों को ये अफसोस होता है कि जो भी हुआ, उनकी गलती से हुआ. जापान में हर साल 30 हजार पॉर्न फिल्में बनती हैं. इंटरनेट के इस दौर में पॉर्न पर रोक नहीं लग सकती, लेकिन जिस तरह साकी अपनी पिछली एजेंसी पर केस करने जा रही हैं, वो हौसला काबिलेतारीफ है. आवाज उठेगी तो मुमकिन है कि हालात कुछ सुधर जाएं.