भारत ने पडौसी देश द्वारा फैलाये जा रहे आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए एक नया अविष्कार किया है ! आज तक भारत ऐसे टैंको का प्रयोग कर रहा था, जिसका प्रयोग सेना के जवानों द्वारा किया जा रहा था लेकिन भारत के वैज्ञानिको ने अब एक ऐसे टैंक का निर्माण किया है जिसको ऑपरेट करने के लिए सेना के जवान की जरुरत ही नहीं होगी ! यह टैंक चेन्नई की प्रयोगशाला में तैयार किया गया है !
DRDO ( डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) ने एक ऐसा मानवरहित टैंक तैयार किया है जो रिमोट कंट्रोल द्वारा ऑपरेट किया जायेगा ! DRDO ने 3 प्रकार के टैंक का निर्माण किया है ! यह टैंक सर्विलांस, बारूदी सुरंगों को ढूँढने के काम आ सकता है ! DRDO ने इस टैंक का नाम मुंत्रा रखा है ! मुंत्रा देश का पहला मानवरहित ग्राउंड व्हीकल टैंक है, जो सर्विलांस के काम आएगा !
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भारतीय अर्द्धसैनिक बलों का कहना है कि अगर इस टैंक को नक्सल प्रभावित क्षेत्र में उपयोग किया जाये तो देश को नक्सलवाद से छुटकारा मिल सकता है ! कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टेबलिशमेंट ने इस टैंक का निर्माण किया है ! यह टैंक रिमोट से ऑपरेट होता है ! इस टैंक को साइंस फॉर सोल्जर्स प्रदर्शनी में भी लगाया गया है !
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मुंत्रा (एम) बारूदी सुरंगों का पता लगा सकता है ! मुंत्रा (एन) को विशेष तौर पर नुक्लेअर रेडिएशन या जैविक हथियारों को पता लगाने के लिए ही बनाया गया है ! इस टैंक में रडार, लेजर रेंज फाइंडर और कैमरा लगाया गया है ! यह टैंक 15 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन देश की जासूसी करने में सक्षम है !