सऊदी में सरकार महिलाओं पर लगे प्रतिबंधों को कम कर रही है। हालही में सरकार ने महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेेंस दिये जाने संबंधी रोक को हटा लिया। जून 2018 से बिना किसी की अनुमति लिए ही सऊदी में महिलाएं ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगी। लेकिन अभी भी वहां महिलाओं पर कई तरह की रोक हैं।
इस्लामिक मान्यताओं के कारण सऊदी में मुस्लिम महिलाएं किसी और धर्म के शख्स के साथ शादी नहीं कर सकतीं। शिया और सुन्नी भी आपस में शादी नहीं कर सकते। वहां की महिलाएं खुद का बिजनेस भी नहीं कर सकतीं। अगर सऊदी में महिला तलाक लेती है तो उसे 7 साल या उससे बड़े अपने बेटे और 9 साल या उससे बड़ी बेटी को साथ रखने का अधिकार नहीं होता।
सऊदी में महिलाओं पर यह रोक है कि वो अपने परिवार के सदस्यों के अलावा किसी दूसरे पुरुष से नहीं मिल सकती। और उन्हें अपना चेहरा दिखाने की भी अनुमति नहीं है, अगर वो ऐसा करती हैं तो उन्हें जेल हो सकती है। वो छोटे कपड़े भी नहीं पहन सकतीं, इसलिए वो अपना शरीर पूरी तरह ढक कर रखती हैं।
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सऊदी के कोर्ट में एक पुरुष का बयान दो महिलाओं के बयान के बराबर होता है। उसे एक नाबालिक से ज्यादा नहीं समझा जाता। ऐसे देश में महिलाएं किस तरह अपने हितों की रक्षा कर पाती होंगी, यह दर्द केवल वही समझ सकती हैं।