एलपीजी क्या है ?
एलपीजी का मतलब है तरल पेट्रोलियम गैस ( Liquid Petroleum Gas ) जो कि ब्यूटेन ( Butane ) और प्रोपेन हाइड्रोकार्बन ( Propane Hydrocarbon ) का मिश्रण है। इसके अलावा कुछ तत्व और भी इसमें होते है इनमे आइसो ब्यूटेन, ब्यूटीलीन, एन-ब्यूटेन और प्रोपीलिन आदि है। इसे भरने के लिए सिलेंडरो का इस्तेमाल किया जाता है जो दबाव अनुकूलित होते है।
एलपीजी को घरों में खाना बनाने के लिए किया जाता है। पहले चूल्हों पर खाना बनाया जाता था उस समय लकड़ी को ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता था जिससे कि बहुत परेशानी होती है। लेकिन एलपीजी के उपयोग से सारी समस्या ख़त्म हो गयी। घरों के अलावा इसका इस्तेमाल व्यवसायों संस्थानों में भी किया जाता है और विभिन्न प्रकार के औद्योगिक संस्थान भी इसका प्रयोग करते है। जिस सिलेंडर में एलपीजी गैस भरते है उसका वजन 5 किलोग्राम होता है। घरों में इस्तेमाल करने के लिए उसमे 14.2 किलोग्राम गैस भरी जाती है जिसके बाद सिलेंडर का कुल वजन 19.2 किलोग्राम हो जाता है। इसके अलावा व्यापारिक संस्थान के लिए 19 किलोग्राम से 47.5 किलोग्राम तक के सिलेंडर उपलब्ध होते है। निजी कम्पनियों द्वारा घरों में प्रयोग करने के लिए 12 किलोग्राम तक के सिलेंडर भी उपलब्ध कराये जा रहे है।
घरेलू एलपीजी का कनेक्शन लेने का तरीका :
भारत में बहुत सारी निजी कम्पनियां है जो एलपीजी के सिलेंडर उपलब्ध करवाती है। आप एल पी जी सिलिंडर का नया कनेक्शन पाने के लिए इनमे से किसी के भी अधिकृत विक्रेता से बात कर सकते है। इसके लिए जो जरुरी कागज होते है नियमों के अनुसार पुरे करके आप नया कनेक्शन ले सकते है और एलपीजी का फायदा ले सकते है।
घरेलू गैस उपलब्ध करवाने वाली कंपनियां :
इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड www.iocl.com
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड hindustanpertoleum.com
भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड ebharatgas.com
एसएचवी एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड www.supergas.com
श्री शक्ति एलपीजी लिमिटेड www.shrishakti.com
गैस सिलेंडर को बंद कमरे में न रखें। सिलेंडर को हमेशा खुले में या फिर ऐसे कमरे में रखे जिसमे खिड़की और दरवाजे खुले हो। सिलेंडर को जिस जगह पर रखें वहां पर इतनी जगह होने चाहिए कि प्रेशर रेगुलेटर का नॉब और रबर की ट्यूब को हिलाने में परेशानी ना हो। इसके अलावा सिलेंडर को हमेशा सीधा खड़ा रखें और उसके वाल्व को उपर की तरफ ही रखें। अगर आप इस तरह से सिलेंडर नहीं लगाते है तो इससे दुर्घटना का कारण बन सकता है। इससे एलपीजी वाल्व बाहर आ सकती है। सिलेंडर को किसी भी जगह ज़मीन के ऊपर ही लगायें इसको कहीं दबायें ना। जैसे कि पहले बताया गया है कि सिलेंडर हवादार जगह पर लगाना चाहिए अगर आप इसे कबर्ड में रखते है तो ध्यान रखें कि इसमें हवा आती जाती हो। ऐसे मेज का प्रयोग न करें जिसकी सतह लकड़ी से बनी हो। इसके अलावा सिलेंडर के पास ऐसे सामान न रखें जिनसे आग लग सकती है या शार्ट सर्किट की सम्भावना हो सकती है जैसे कि इलेक्ट्रिक ओवन और कैरोसिन स्टोव। सिलेंडर ऐसी जगह रखना चाहिए जिससे उसको धुप, बारिश, धुल व गर्मी से बचाया जा सकें। सिलेंडर खाली हो या भरा हुआ हो वाल्व को खुला न छोड़ें, साथ ही आपको सुरक्षा के लिए एक कैप लगाकर रखनी चाहिए।
उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षा सुझाव :
एलपीजी के इस्तेमाल के लिए आप जो भी सामान खरीदते है उनपर ISI /BIS मानक का निशान अवश्य देख लें। इनमे रबड़ ट्यूब और रेग्युलेटर पर ये मार्क अवश्य होने चाहिए। इनको बाहर से न ले सिर्फ पंजीकृत विक्रेता से ही लें। ट्यूब का इस्तेमाल केवल दो साल ही करें इसके बाद इसे बदल कर नयी ट्यूब ले लें। पुरानी ट्यूब का ज्यादा समय तक इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है यह दुर्घटना का कारण बन सकती है। प्रेशर रेग्युलेटर को भी समय समय पर चेक करते रहे क्योंकि इसका काम बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह सिलेंडर वाल्व के ऊपर लगा होता है और गैस के दबाव को नियंत्रित करता है। सिलेंडर से निकलने वाली गैस को नियंत्रित करके इसी के द्वारा स्टोव तक भेजा जाता है। गैस का प्रयोग करने के बाद रेग्युलेटर के नॉब को बंद कर देना चाहिए।
सिलेंडर लेते समय जाँच ले कि इस पर कंपनी की सील जरुर लगी हुई हो। इसके अलावा सेफ्टी कैप की स्थिति भी सही होनी चाहिए। अगर आपको इसके प्रयोग का पता नहीं है तो स्वयं प्रयास न करें। जो सिलेंडर की डिलीवरी वाला होता है उससे इसके इस्तेमाल की विधि को जान लें उसके बाद ही इसका इस्तेमाल करें।
गैस की गंध आये तब क्या करें :
अगर आपका सिलेंडर लीक है और उसमे से गैस निकल रही है। आपको जब भी उसकी गंध आये तो डरे नहीं सबसे पहले इसके बुरे प्रभाव से बचने के लिए बिजली की लाइन को बंद कर दें। खासकर सिलेंडर के आस पास के सारे स्विच बदं कर दें। इसके बाद जाँच लें कि रेग्युलेटर बंद है या नहीं अगर वह ऑन है तो उसे बंद कर दें। गैस लीक होने से आग लग सकती है तो ऐसी कोई काम ना करें जिससे कि आग जल जाये या कोई चिंगारी उठ जायें। माचिस की तीली या धुप अगरबती कोई जल रही होतो उसे तुरंत बुझा दें। घर से सभी दरवाजे या खिड़की खोल दें ऐसा करने से गैस एक जगह नहीं रहेगी बाहर फ़ैल जाएगी और आग लगने की सम्भावना टल जाएगी। यह सब करके गैस विक्रेता के ऑफिस में फ़ोन करके इस घटना की जानकारी दें। अगर उस दिन अवकाश हो तो इमरजेंसी सेवा केंद्र को फ़ोन कर दें। इसके बाद रेग्युलेटर को हटा दें और सिलेंडर पर सुरक्षा के लिए कैप लगा दें।