ड्यूटी के दौरान मारे गए कांस्टेबल की विधवा को पेंशन व अन्य लाभ से इन्कार करने के पंजाब सरकार के रवैए की निंदा करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार पर एक लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। हाईकोर्ट ने इसके साथ ही याची को पेंशन समेत सभी लाभ के साथ-साथ एक्सग्रेशिया राशि जारी करने का भी पंजाब सरकार को आदेश दिया है।
याचिका दाखिल करते हुए मृतक की विधवा गुरदासपुर निवासी दविंदर कौर ने हाईकोर्ट को बताया कि उसका पति 1992 में पंजाब पुलिस में कांस्टेबल भर्ती हुआ था। ड्यूटी के दौरान वह वाहन हादसे का शिकार हो गया था और इलाज के दौरान उसकी 2010 में मौत हो गई थी। इसके बाद याची ने फैमिली पेंशन व अन्य लाभ जारी करने का आवेदन किया लेकिन इससे इन्कार कर दिया गया। ऐसे में याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए यह लाभ जारी करने का निर्देश देने की अपील की थी।
पंजाब सरकार ने बताया कि याची के पति को इलाज के दौरान वेतन का भुगतान किया गया था। बाद में अकाउंटेंट जनरल ने आपत्ति जताई थी और 101 दिन की छुट्टियों को पूरा वेतन के साथ 240 दिन को आधे वेतन के साथ और 13 दिन को बिना वेतन छुट्टी माना गया। ऐसे में इस अवधि के लिए दिए गए पूरे वेतन के बदले 9.59 लाख रुपये की रिकवरी डाली गई जिसका याची ने भुगतान नहीं किया। इसी के चलते याची को पेंशन व अन्य लाभ जारी नहीं किए जा सके।
सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के इस रवैए को निंदनीय करार दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि पर्सन विद डिसएबिलिटी एक्ट के तहत सेवा के लिए असमर्थ व्यक्ति के वेतन को सुरक्षित करना राज्य का दायित्व है और राज्य ने इस अवधि की छुट्टियां काट लीं जो सही नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट ने 9.59 लाख रुपये की रिकवरी के आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया। इसके साथ ही याची को पेंशन व अन्य लाभ जारी करने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने कहा कि याची के पति की सेवा के दौरान मौत हो गई थी। ऐसे में वह एक्सग्रेशिया राशि की भी हकदार है। पंजाब सरकार के रवैए के चलते याची को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी और ऐसे में पंजाब सरकार पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाते हुए हाईकोर्ट ने यह राशि याची को सौंपने का आदेश दिया है।