रक्त मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। पूरे शरीर में न्यूट्रिएंट्स, इलेक्ट्रोलाइट्स, हार्मोन्स, हीट और ऑक्सीजन पहुंचाने का काम रक्त ही करता है। शरीर के विभिन्न हिस्सों को स्वस्थ्य रखने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम भी ब्लड ही करता है। रक्त वाहिनियों की शाखाएं और घुमाव रक्त संचार को बाधित करते हैं और हृदय रोग की वजह बनते हैं। रक्तवाहिनियों में बहते हुए रक्त में पड़ने वाले भंवर यह बताते हैं कि उस स्थान पर रक्त का थक्का जमा है जो रक्तवाहिनियों की दीवारों को क्षति पहुंचा रहा है और हृदय संबंधी बीमारियां पैदा कर सकता है।
कैसे प्रभावित होता है ब्लड सर्कुलेशन
ब्लड के सही सर्कुलेशन के लिए ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, ब्लड शुगर, ब्लड टाइप और कोलेस्ट्रॉल का नियंत्रण में होना अत्यधिक जरूरी है। उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण है रक्त का गाढा होना। रक्त गाढा होने से उसका प्रवाह धीमा हो जाता है। इससे धमनियों और शिराओं में दवाब बढ जाता है। इतना ही नहीं किडनी और अन्य अंगों पर भी बुरा प्रभाव डाल सकता है। हाइपरटेंशन जैसी समस्या हो सकती है। नमकीन आहारों का सेवन करने से आधे से एक घंटे के भीतर हमारी धमनियों में रक्त प्रवाह कम होकर सीमित हो जाता है। कम सोने से शरीर के रक्त प्रवाह तंत्र पर असर पड़ता है, जिससे आंखों के नीचे वाहिनियों में रक्त रुका रह जाता है और प्रवाहित नहीं होता।
कैसे ठीक रखें ब्लड सर्कुलेशन
अपने पैर को शरीर के स्तर से कुछ ऊपर उठाकर लेटने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और साथ ही साथ शरीर को आराम भी पहुंचता है। इससे पैरों में ऐंठन और दर्द जैसी समस्या में भी काफी आराम पहुंचता है।प्रचुर मात्रा में शुद्ध जल के सेवन से शरीर में जमा कई तरह के विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पानी या तो सामान्य तापमान पर हो या फिर थोड़ा गुनगुना। फ्रिज के पानी के सेवन से बचें।हंसने से रक्त संचार सुचारु होता है व हमारा शरीर अधिक मात्रा में ऑक्सीजन ग्रहण करता है। तनावमुक्त होकर हंसने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में मदद मिलती है।
रक्त संचार को अच्छे तरह से बढ़ाने के लिए फाइबर युक्त भोजन खाएं, जिसमें ब्राउन राइस, सब्जियों और ताजे फलों को शामिल करें। चुकंदर, गाजर, शलजम, मूली, वंदगोभी, ब्रोकली, स्पीरयूलिना, क्लोरिल्ला और समुद्री शैवाल आदि को खाएं।