उत्तर प्रदेश में गोंडा जिले के एमपी/एमएलए कोर्ट ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और भाजपा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ फर्जी बैनामा, जालसाजी और धमकी जैसे गंभीर आरोपों में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश सिविल जज (सीनियर डिवीजन) अपेक्षा सिंह की अदालत ने अजय सिंह नामक व्यक्ति की शिकायत पर सुनवाई के बाद दिया।
क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक, गोंडा जिले के मनकापुर कोतवाली क्षेत्र के भिटौरा गांव के रहने वाले अजय सिंह ने कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह, उनके प्रतिनिधि राजेश सिंह और अन्य आरोपी सहदेव यादव, पिंकू और कांति सिंह ने मिलकर उनकी पत्नी मनीषा सिंह की बैनामाशुदा जमीन को फर्जी तरीके से दोबारा बेच दिया। उनका आरोप है कि आरोपियों ने पुराने तारीख वाले स्टांप पेपर (बैकडेटेड) का इस्तेमाल कर विक्रेता बिट्टन देवी को लालच और दबाव में लेकर जमीन को दोबारा मिथिलेश रस्तोगी और कांति सिंह के नाम पर बैनामा करवा दिया। इस बैनामे में 16 डिसमिल जमीन मिथिलेश रस्तोगी के नाम और बाकी जमीन कांति सिंह के नाम की गई।
जान से मारने की भी दी गई धमकी
अजय सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस फर्जीवाड़े का विरोध किया, तो आरोपियों ने उनकी जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की। साथ ही उन्हें जान से मारने और फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई। जब इस मामले की कहीं सुनवाई नहीं हुई, तो अजय सिंह ने एमपी/एमएलए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट ने क्या आदेश दिया?
सुनवाई के बाद, सिविल जज अपेक्षा सिंह ने अजय सिंह के आरोपों और प्रस्तुत साक्ष्यों को गंभीर मानते हुए मनकापुर कोतवाली पुलिस को FIR दर्ज करने और जांच शुरू करने का आदेश दिया। पुलिस को 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश भी दिया गया है।
मामले की गंभीरता
इस पूरे मामले में केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह पर फर्जीवाड़ा, जालसाजी और धमकी जैसे गंभीर आरोप लगे हैं, जो उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कीर्तिवर्धन सिंह गोंडा से भाजपा सांसद हैं और फिलहाल केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री के पद पर कार्यरत हैं। उनके नाम सामने आने से यह मामला स्थानीय राजनीति और प्रशासन में चर्चा का विषय बन गया है।
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