याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा संविधान हर किसी को जीने का और सम्मान से मरने का अधिकार देता है।
कोर्ट ने आगे कहा है कि आधुनिक समय में कई तरीकों के अविष्कार के साथ मौत की सजा पर विचार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने विधायिका को मौत की सजा के लिए विभिन्न आधुनिक तरीकों के बारे में सोचना और विचार करना चाहिए।
बता दें कि पिछले काफी समय से फांसी की सजा के खिलाफ आवाज उठाई जाती रही है। सुप्रीम कोर्ट के वकील ऋषि मल्होत्रा ने अपनी याचिका में अदालत से यह दरख्वास्त की थी कि सजा-ए-मौत के तरीके पर विचार किए जाने की जरूरत है।
दरअसल, आईपीसी की धारा 353 (5) में मल्होत्रा ने बदलाव की मांग की है, जिसके मुताबिक दोषी के गले में रस्सी डालकर और फिर लटका कर मौत दी जाती है। उन्होंने कहा कि मौत दिए जाने का सम्माजनक तरीका होना बेहद जरूरी है। गौरतलब है कि दुनियाभर के मानवाधिकार संगठन भी फांसी की सजा को अमानवीय मानते हैं और इसके खिलाफ हैं। हालांकि कई संगठन तो मौत की सजा देने की ही खिलाफत करते हैं।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal