अंधेरे को दूर भगाने के लिए अगर आप भी मोमबत्ती जलाते हैं तो थोड़ा सावधान हो जाएं। आपका ऐसा करना आपको 3 बड़ी बीमारियों का शिकार बना सकता है। आपको यह बात सुनकर थोड़ी हैरानी जरूर होगी कि मोमबत्ती जलाने से भला कोई कैसे बीमार पड़ सकता है।
आपको बता दें कि कैंडल्स से निकलने वाले टॉक्सिक सेहत के लिए बहुत खतरनाक होते हैं। खासकर खुशबू वाली कैंडल्स में मौजूद केमिकल सिगरेट की तुलना में अधिक हानिकारक होते हैं। आइए जानते हैं आखिर वो कौन सी 3 बड़ी बीमारियां हैं जो मोमबत्ती जलाने से आपको होती हैं।
एलर्जी
कैंडल्स की पैराफिन वैक्स में करीब 20 विषाक्त पदार्थ शामिल होते हैं। जिनमें एसीटोन, फिनोल, जाइलिन, क्रेसोल और ब्लोरोबेंजीन सबसे ज्यादा खतरनाक टॉक्सिक हैं। जिसकी वजह से कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है। इतना ही नहीं ये टॉक्सिक फेफड़े और ब्रेन सहित शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सांस की परेशानी
कैंडल्स में मौजूद सिंथेटिक सुगंध से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसमें इस्तेमाल होने वाले पैराफिन वैक्स से अस्थमा के मरीजों की परेशानी और बढ़ सकती है। बता दें कैंडल्स जलाने पर एक अजीब गंध निकलती हैं, जो फेफड़ों में जलन और सांस की परेशानी पैदा कर सकती हैं।
सिरदर्द
खुशबू वाली कैंडल से सिरदर्द भी हो सकता है। कैंडल के धुएं के अंदर जाने से अधिकांश लोगों को सिरदर्द की शिकायत रहती है।
उपाय
-कैंडल्स खरीदते समय ध्यान रखें कि अरोमाथेरेपी और सभी प्रकार की सुगांधित कैंडल्स खरीदने से हमेशा बचना चाहिए।
-पैराफीन कैंडल के विकल्प के रूप में बीज्वैक्स या सोया कैंडल का प्रयोग करें।
-अगर आप सुगांधित कैंडल का उपयोग कर भी रहे हैं तो लंबे समय के जोखिम से बचने के लिए अपने घर की खिड़की को खुला रखें।