कोलंबो: श्रीलंका के कैंडी शहर में सांप्रदायिक हिंसा फैलने के बाद हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं. इस हिंसा के देश भर में फैलने के कारण वहीं 7 दिनों का आपातकाल लगा दिया गया है. इस हिंसा में अब तक 2 लोगों के मारे जाने की खबर है. सरकार ने बढ़ती हिंसा पर लगाम लगाने के लिए सोमवार को देशभर में इमरजेंसी लगाई थी.जानकारी के मुताबिक कैंडी में हिंसा उस समय भड़क उठी जब एक बौद्ध अनुयायी की मौत हो गई और मुस्लिम व्यापारी को आग लगा दी गई.
इस घटना के बाद वहां हिंसा भड़क उठी और धीरे-धीरे इसने सांप्रदायिक रूप ले लिया. स्थिति पर नियंत्रण के लिए वहां कर्फ्यू लगा दिया और लोगों को बिना काम के घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई. हिंसा के दूसरे शहरों में बढ़ने से हालात पहले से खराब हो चुके हैं. इस मामले में अब तक 12 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
फ़्ते भर पहले ट्रैफिक रेड लाइट पर हुए झगड़े के बाद कुछ मुसलमानों ने एक बौद्ध युवक की पिटाई की थी और तभी से वहां तनाव बना हुआ है. कुछ कट्टरपंथी बौद्ध समूहों ने मुसलमानों पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने और बौद्ध मठों को नुक़सान पहुंचाने का आरोप लगाया. पिछले दो महीने के भीतर गॉल में मुसलमानों की मिल्कियत वाली कंपनियों और मस्जिदों पर हमले की 20 से ज़्यादा घटनाएं हो चुकी हैं.
श्रीलंका में मुसलमानों का मुस्लिम परंपरा के तहत मांसाहार या पालतू पशुओं को मारना बौद्ध समुदाय के लिए एक विवाद का मुद्दा रहा है. श्रीलंका में कट्टरपंथी बौद्धों ने एक बोडु बला सेना भी बना रखी है जो सिंहली बौद्धों का राष्ट्रवादी संगठन है. ये संगठन मुसलमानों के ख़िलाफ़ मार्च निकालता है. उनके ख़िलाफ़ सीधी कार्रवाई की बात करता है और मुसलमानों द्वारा चलाए जा रहे कारोबार के बहिष्कार का वकालत करता है. इस संगठन को मुसलमानों की बढ़ती आबादी से भी शिकायत है.
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