Sri Lanka Crisis आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे श्रीलंका की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही है। श्रीलंका के आर्थिक संकट पर अब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों के एक समूह ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील कर कहा है कि श्रीलंका को अधिक से अधिक समर्थन दिया जाना चाहिए, क्योंकि देश आर्थिक संकट और राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है।

दुनिया भर के देश करे श्रीलंका की मदद- विशेषज्ञ
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों के एक समूह ने बुधवार को एक बयान में कहा श्रीलंका के आर्थिक पतन पर न केवल मानवीय एजेंसियों, बल्कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों, निजी ऋणदाताओं और अन्य देशों से तत्काल वैश्विक ध्यान देने की आवश्यकता है। नौ विशेषज्ञों ने रिकार्ड उच्च मुद्रास्फीति, बढ़ती वस्तुओं की कीमतों, बिजली की कमी, ईंधन संकट और आर्थिक पतन पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि देश अभूतपूर्व राजनीतिक उथल-पुथल से जूझ रहा है। इसलिए इस समय दुनिया भर को उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट ने जताई चिंता
वहीं, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट ने देश भर में हुई हिंसा की निंदा की। उन्होंने प्रदर्शन के दौरान सात लोगों की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि देश में विदेशी भंडार खत्म हो गया। इसके कारण श्रीलंका मई में अपने 51 बिलियन अमरीकी डालर के विदेशी ऋण चुका नहीं पाया। विशेषज्ञों ने कहा कि आर्थिक संकट का मानवाधिकारों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। भोजन और स्वास्थ्य सेवा तक लंबे समय तक बाधित रहने से बीमार लोगों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिन्हें सहायता की आवश्यकता है।
श्रीलंका के लिए आर्थिक संकट से निटपना जरूरी
विदेशी ऋण और संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र विशेषज्ञ अत्तिया वारिस ने कहा बार-बार, हमने देशों पर गंभीर प्रणालीगत नतीजों को देखा है, जो वैश्विक वित्तीय प्रणाली के गहरे संरचनात्मक अंतराल को उजागर करते हैं और मानवाधिकारों के कार्यान्वयन को प्रभावित करते हैं। वारिस ने कहा आर्थिक संकट को कम करने की दिशा में किसी भी प्रतिक्रिया के मूल में मानवाधिकार होना चाहिए, जिसमें आईएमएफ के साथ बातचीत का संदर्भ भी शामिल हैं।
रानिल विक्रमसिंघे चुने गए हैं श्रीलंका के राष्ट्रपति
बता दें कि बुधवार को सांसदों ने छह बार के प्रधानमंत्रीन रहे रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका का नया राष्ट्रपति चुना है। पूर्व नेता गोटाबाया राजपक्षे ने पिछले हफ्ते देश से भागने के बाद पद छोड़ दिया था। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी कोलंबो में प्रमुख सरकारी भवनों पर धावा बोल दिया। भोजन, ईंधन, दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी के चलते देश भर में पिछले कुछ वक्त से विरोध-प्रदर्शन भी देखने को मिल रहे थे।
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