ठाकुर जी के जन्मदिन यानी जन्माष्टमी को पूरी रात मंदिरों में भजन कीर्तन होते हैं और भक्तगण उनके जन्मोत्सव की खुशियां मनाते हैं। लेकिन भक्तों के लिए जन्माष्टमी के व्रत का सबसे बड़ा महत्व होता है। लेकिन इस बार अष्टमी तिथि दो दिन होने से लोगों में असमंजस है कि व्रत 14 अगस्त को रखें या 15 अगस्त को।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 14 और 15 अगस्त को मनाई जाएगी। 14 को गृहस्थ तो 15 को साधु-संत व्रत व पूजन-अर्चन करेंगे। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 14 अगस्त की रात 7.46 बजे लगेगी। रात में ही अष्टमी का मान होने के कारण गृहस्थ उसी तिथि को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनायेंगे।
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वाराणसी के प्रख्यात ज्योतिषी विमल जैन ने बताया कि अष्टमी तिथि 14 अगस्त को रात 7.46 बजे लगेगी। महानिशीथ काल का योग रात 11.41 से 12.25 बजे तक रहेगा। रात 12 बजे वृष लग्न में भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा।