असम में टोकलाई टी रिसर्च इंस्टीट्यूट (टीआरए) के पांच वैज्ञानिकों ने एक अनोखी टी. वाइन बनाई है. इसे तैयार करने वाले वैज्ञानिकों का दावा है कि इसे पूर्णतया कीटनाशकों से मुक्त ग्रीन टी से तैयार किया गया है. जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है.
संस्थान की ओर से टी. वाइन को गुरूवार को आम लोगों को देखने के लिए पेश किया गया. टीआरए के निदेशक डॉ. अनूप कुमार बरुआ ने वाइन को आम लोगों के सामने पेश करते हुए कहा कि इस अग्रणी चाय संस्थान के माइक्रोलॉजी और माइक्रो बायोलॉजी विभाग के वैज्ञानिकों ने टी. वाइन की तीन किस्मों को तैयार किया है. इसमें सीटीसी वाइन, आर्थोडॉक्स वाइन और ग्रीन टी वाइन शामिल हैं.
नहीं मिली वाणिज्यिक स्वीकृति
बरुआ ने कहा कि चाय की इन तीन किस्मों से तैयार किए गए वाइन को अभी तक वाणिज्यिक स्वीकृति नहीं मिली है. स्वीकृति के बाद ये वाणिज्यिक रूप से पेश की जाएगी. वैज्ञानिकों के दल की अगुआई करने वाले डॉ. प्रशांत दा ने कहा कि वर्ष 2015 के बाद से ही इसका काम चल रहा था. इसे टीआरए की वार्षिक आम बैठक के दौरान लोगों के लिए आधिकारिक तौर पर पेश किया गया.
क्या है टी. वाइन के फायदे?
दा ने कहा कि बाजार में बेचने के लिए स्वीकृति हासिल करने की प्रक्रिया चल रही है क्योंकि वाणिज्यिक रूप से बिक्री करने के लिए कई उपाय करने होंगे. बता दें कि इसे पूर्णतया कीटनाशकों से मुक्त ग्रीन टी से तैयार किया गया है. जो मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है.
टी. वाइन को पीने के लाभ के बारे में बताते हुए दा ने दावा किया कि चाय में मौजूद पॉलीफेनाल्स हॉर्ट अटैक रोकने, डायबिटीज, ठंड से लड़ने, डिमेन्सिया (भूलने की बामारी) को रोकने और कुछ कैंसर के मामले में भी काफी लाभदायक हैं.