कार्बोहाइड्रेट कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मिश्रण होते हैं। ये ऊर्जा के प्रमुख स्रोत होते हैं जो हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। कैलोरी की अधिकता होने की वजह से अक्सर वजन कम करने वाले लोगों को कार्बोहाइड्रेट खाने की मनाही होती है या फिर कम खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन कम कार्बोहाइड्रेट का सेवन भी हमारे शरीर में तमाम तकलीफों का कारण बन सकता है। शारीरिक और मानसिक सक्रियता के लिए कार्बोहाइड्रेट बगहुत जरूरी है। आज हम आपको बताने वाले हैं कि अगर आप कार्बोहाइड्रेट का सेवन छोड़ देते हैं तो आपको किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कब्ज – कार्बोहाइड्रेट का ही एक प्रकार होता है फाइबर। शरीर में पाचन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में इसका महत्वपूर्ण योगदान होता है। अगर आपकी डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम है तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में फाइबर नहीं पहुंच रहा। ऐसे में कब्ज और पाचन संबंधी अन्य समस्याओं का खतरा काफी बढ़ जाता है।
वजन में कमी आना – कार्बोहाइड्रेट एनर्जी का समृद्ध स्रोत होता है। इसकी शरीर में कमी होने की वजह से शरीर एनर्जी मांसपेशियों से लेना शुरू करता है जिससे वजन में कमी आने लगती है। इसीलिए मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए कार्बोहाइड्रेट छोड़ने की सलाह दी जाती है।
थकान – कार्बोहाइड्रेट की कमी की वजह से शरीर को ऊर्जा की आपूर्ति काफी कम हो जाती है। ऐसे में थकान, कमजोरी और चक्कर आने जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। हमेशा एक्टिव रहने के लिए कार्बोहाइड्रेट का सेवन बेहद जरूरी है।
डिप्रेशन – कार्बोहाइड्रेट की वजह से दिमाग सेरोटोनिन नाम के हार्मोन को नियंत्रित करता है। अगर हम पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रोट लेना कम कर दें तो सेरोटोनिन की आपूर्ति कम होने की वजह से डिप्रेशन जैसी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
सिरदर्द – कार्बोहाइड्रेट की कमी से शरीर ऊर्जा के लिए मसल्स को बर्न करना शुरू कर देता है। ऐसे में केटोन नाम का एसिड उत्सर्जित होता है। जिसकी वजह से सरदर्द, मतली और सांस की बदबू की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में एकाग्रता के भंग होने की भी समस्या जन्म लेती है।