21 दिनों के लॉकडाउन के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ के स्पेशल पैकेज का ऐलान किया है. इस पैकेज के जरिए देश के किसान, मजदूर और महिला वर्ग के अलावा बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को राहत देने की कोशिश की गई है. लेकिन मिडिल क्लास की उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा है.

दरअसल, मिडिल क्लास को लॉकडाउन की वजह से लोन और हर महीने जाने वाली ईएमआई की चिंता सता रही है. ऐसे में लोगों को ये उम्मीद थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस वर्ग को राहत दे सकती हैं. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, हालांकि वित्त मंत्री ने ईपीएफ के मोर्चे पर थोड़ी राहत जरूर दी है.
यह भी पढ़ें: लॉकडाउन में नकदी की है समस्या? तो न हो परेशान अब ये बैंक घर देकर जाएंगे कैश
क्या है ईपीएफ पर राहत
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार EPF में 3 महीनों तक एम्प्लॉयी और एम्प्लॉयर दोनों के हिस्से का योगदान करेगी. ये नियम उन सभी कंपनियों या संस्थाओं पर लागू होगा जहां 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारियों की सैलरी 15,000 रुपए से कम होगी.
मतलब ये कि एक बहुत बड़े वर्ग की ईपीएफ की रकम अब सीधे उनके बैंक खाते में आएगी और उनके पीएफ खाते में जाने वाली रकम को सरकार जमा करेगी. ये नियम सिर्फ 3 महीने तक के लिए है. इससे करीब 80 लाख कर्मचारियों और लगभग 4 लाख प्रतिष्ठानों को फायदा होगा. इसके अलावा, EPFO सब्सक्राइबर अपनी EPF में जमा कुल रकम का 75 फीसदी या तीन महीने की सैलरी, दोनों में से जो कम हो वह रकम जरूरत पड़ने पर निकाल सकते हैं.
लोन और ईएमआई पर क्या कहा
वित्त मंत्री ने लोन और ईएमआई की चिंताओं पर कहा कि फिलहाल हमारा फोकस गरीबों को भरपेट भोजन और उन्हें पैसे पहुंचाने पर है. वित्त मंत्री की ओर से मिडिल क्लास के लिए फिलहाल कोई ठोस भरोसा नहीं दिया गया है.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal