जिले के अधिकारियों के मुताबिक, प्रशासन ने पिछले साल नवंबर में नमूने इकट्ठा किए थे और उन्हें लैब जांच के लिए भेज दिया था. जांच में पाया गया कि मैगी के उन नमूनों में इंसान की खपत के लिए तय सीमा से अधिक मात्रा में राख थी. लैब जांच के नतीजों पर सवाल उठाते हुए नेस्ले इंडिया ने कहा कि उसे अब तक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है और वह आदेश मिलते ही अपील दायर करेगी.

 2015 में शुरू हुआ था मैगी को लेकर विवाद 

मैगी को लेकर विवाद सबसे पहले 2015 में ही छिड़ा था, जून 2015 में FSSAI ने मैगी पर रोक लगा दी थी. उस समय मैगी को लेकर रिपोर्ट आई थी कि इसमें लेड की मात्रा तय पैमाने से ज्यादा पायी गई है और यह खाने के लिए हानिकारक है. इसके बाद नेस्ले ने मैगी को लेकर लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और नवंबर 2015 में मैगी ने फिर से भारतीय बाजार में लॉन्च हो गई.