कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी रविवार को असम में विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकने के लिए पहुंचे। चाय मजदूरों को साधने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा कि असम में चाय बागान के मजदूरों को रोजाना 167 रूपये मिलते हैं, जबकि मोदी सरकार में गुजरात के व्यापारियों को चाय का बगान ही मिल जाता है। उन्होंने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब गुजरात में पंचायत चुनाव होने वाले हैं। वहीं उनके बयान को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उनपर निशाना साधा और कहा कि उन्हें जनता उचित जवाब देगी।
असम के शिवसागर में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘असम के चाय मजदूरों को प्रतिदिन 167 रूपये मजदूरी के रूप में मिलता है जबकि गुजरात के व्यापारी को चाय का बगीचा ही मिल जाता है। हम वचन देते हैं कि अगर हमारी सरकार असम में आई तो हम रोजाना चाय मजदूरों को 365 रुपये देंगे। ये पैसा कहां से आएगा? ये पैसा गुजरात के व्यापारियों से आएगा।’
राहुल के बयान पर पलटवार करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा, ‘राहुल गांधी के शब्दों ने उनके और कांग्रेस पार्टी के गुजरातियों के प्रति नफरत को दिखाया है। गुजरात ऐसी घृणित नफरत को स्वीकार नहीं करेगा। प्रत्येक गुजराती कांग्रेस पार्टी को इसका जवाब देगा।’
वहीं गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने राहुल पर हमला करते हुए कहा कि उनका बयान उनकी गुजरात के प्रति नफरत को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी के गुजरातियों के लिए शर्मनाक शब्द उनकी बीमार मानसिकता और गुजरात के लिए नफरत को दर्शाता है। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने गुजरात का अपमान किया है। आने वाले दिनों में, गुजरात के लोग आगामी चुनावों में कांग्रेस को व्यापक तौर पर हराएंगे।’
असम विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा को हराने के लिए पांच राजनीतिक दलों के साथ मिलकर एक महागठबंधन बनाने की घोषणा की है। वहीं भाजपा पांच साल के सफल कार्यकाल के बाद यहां एक बार फिर सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त है। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार को असम में पहली भाजपा नीत सरकार की उपलब्धियां गिनवाईं। उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य के लोगों की सभी अपेक्षाओं को पूरा करने में सफल रही है।