यूपी डीजीपी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सांविधानिक अधिकार प्रभावित होता है। किसी भी व्यक्ति के सांविधानिक अधिकार का हनन कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया को पूरा किए बिना नहीं किया जा सकता है।
डीजीपी राजीव कृष्ण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में गिरफ्तारी मेमो और व्यक्तिगत तलाशी मेमो का प्रारूप जारी किया है। अदालत के आदेश पर डीजीपी ने अभियुक्त की गिरफ्तारी के समय बनने वाले मेमो में अंकित सूचनाओं के संबंध में अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक समिति का गठन किया था।
डीजीपी द्वारा इस बाबत जारी परिपत्र में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सांविधानिक अधिकार प्रभावित होता है। किसी भी व्यक्ति के सांविधानिक अधिकार का हनन कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया को पूरा किए बिना नहीं किया जा सकता है। ऐसी दशा में कानून का अनुपालन करना अनिवार्य है।
भारतीय नागरिक न्याय संहिता 2023 के नियम 6 के अंतर्गत उपनिरीक्षक या उससे उच्च पद के अधिकारी को जिला कंट्रोल रूम व थानों पर गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम व पते की सूचना रखने का दायित्व दिया गया है। जिसके अनुपालन में प्रत्येक थाने तथा प्रत्येक जिले एवं कमिश्नरेट में सक्षम अधिकारी की नियुक्ति किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
गिरफ्तारी मेमो तैयार करते समय उसकी सूचना नामित अधिकारी को दिए जाने के संबंध में एक सूचना कॉलम बनाया गया है, जिसे गिरफ्तारी के समय अनिवार्य रूप से भरा जाना आवश्यक है। गिरफ्तारी मेमो तथा व्यक्तिगत तलाशी मेमो में भरी जाने वाली सभी सूचनाओं को यथास्थान एवं त्रुटिरहित रूप से अंकित किया जाए। हालांकि उसके पास बरामद वस्तुओं का उल्लेख फर्द में करना होगा।