लखनऊ। जनसंख्या वृद्धि को लेकर विधानसभा में अमूमन सभी दलों की ओर से चिंता जतायी गई। खासतौर से बसपा सदस्यों के तेवर देखने काबिल थे। अपने अलग अंदाज से चर्चित हुए अनिल सिंह ने ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों का राशन पानी व अन्य सुविधाएं बंद करने की मांग कर डाली तो सत्ता पक्ष ने मेजें थपथपा कर स्वागत किया। अनिल सिंह का कहना था कि आबादी की दिनोंदिन बढ़ रही रफ्तार को नहीं रोका गया तो सभी संसाधन कम पड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि चाहे जितना इंतजाम कर लो बढ़ती जनसंख्या के आगे सब फेल है।
उन्होंने दावा किया कि आज ईमानदारी से जनगणना करा दी जाए तो प्रदेश की आबादी तीस करोड़ से अधिक मिलेगी। अनिल सिंह के सुर में बसपा के असलम राइनी ने सुर मिलाया। उनका कहना था कि परिवार छोटा रखने के उपायों की समीक्षा हो। उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए जर्मन की एक दवा भी सुझायी तो सदन में ठहाका गूंजा। माहौल अधिक बिगड़े इसलिए विधान सभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने हस्तक्षेप करते हुए चर्चा बंद करायी।
पुरुष नसबंदी को प्रोत्साहन दें : बसपा के रितेश पांडेय के सवाल पर परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि परिवार नियोजन की जिम्मेदारी महिलाओं को दी जाती है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी की भागीदारी मात्र एक प्रतिशत ही है। उन्होंने स्वीकारा कि नसबंदी लक्ष्य के निर्धारण पर रोक से नसबंदी दर में कमी आ रही है। उन्होंने जन जागरूकता को प्रोत्साहित करने के साथ प्राइवेट नर्सिंग होम्स की भागीदारी बढ़ाने की योजना के बारे में भी बताया। उन्होंने परिवार नियोजन का बोझा केवल महिलाओं पर डालने पर चिंता जतायी।
अब 15 मार्च को बैठक नहीं होगी
विधानसभा कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने बताया कि 15 मार्च को प्रस्तावित बैठक स्थगित कर दी है, 15 मार्च को प्रस्तावित बजट 22 को होगी। 14 मार्च के बाद 22 मार्च को बैठक होगी। उधर नियम 301 में 15 के बजाए 20 सूचनाएं लेने की विधानसभा अध्यक्ष द्वारा घोषणा किए जाने का मेजें थपथपाकर स्वागत किया गया।
नामांकन के कारण कार्यवाही टाली
राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल कराते समय सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही दो बार में लगभग एक घंटा 35 मिनट स्थगित की गई। प्रश्नकाल खत्म होने के बाद 12.25 बजे सदन स्थगित कर दिया गया।