इंटरनेट की दुनिया पर राज करने वाले याहू का 20 सालों का सफर खत्म हो गया है। जानकारी के मुताबिक, वेराइजन कम्यूनिकेशन ने 32.5 हजार करोड़ रुपए में yahoo के कोर बिजनस को खरीद लिया है। वेराइजन कम्यूनिकेशन इंक ने सोमवार को याहू को खरीदने के अग्रीमेंट की घोषणा कर दी है। इस डील ने yahoo के भविष्य को लेकर फरवरी से चली आ रही अनिश्चितता को खत्म कर दिया।
वेराइजन और याहू की डील पक्की
सबसे पहले इस डील की जानकारी ब्लूमबर्ग ने देते हुए बताया था कि सोमवार को 4.8 मिलियन डॉलर की इस डील का एलान हो सकता है। रॉयटर्स ने शुक्रवार को रिपोर्ट किया था कि याहू की बोली लगाने वालों में वेराइजन सबसे आगे रहा और यह 5 बिलियन डॉलर में डील फाइनल हुई। दुनिया भर में इंटरनेट का दूसरा नाम बनने वाले yahoo की शुरुआत 1994 में स्टेनफोर्ड कॉलेज के छात्र जेरी येंग और डेविड फिलो ने की थी। 2008 में याहू ने माइक्रोसॉफ्ट की 44 बिलियन डॉलर की डील ठुकरा दी थी। गूगल, फेसबुक इंक, ऐमजॉन और अन्य नई कंपनियों से याहू को कड़ी टक्कर मिल रही थी और याहू इस प्रतिस्पर्धा में काफी पिछड़ गया था। याहू की सीईओ मरीसा मेयर ने कहा, ‘मैं आज काफी खुश हूं, आज yahoo के लिए काफी बड़ा दिन है। मैं व्यक्तिगत रूप से कंपनी के साथ जुड़े रहना चाहती हूं।’
इस डील के बाद ऑपरेटिंग कंपनी के तौर पर yahoo की पहचान खत्म हो गई। yahoo का याहू जापान में बस 35.5 पर्सेंट स्टेक बच कर रह गया है। इसके अलावा याहू की 15 पर्सेंट हिस्सेदारी चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अली बाबा में भी है। लोगों के बीच लोकप्रिय रहे याहू मैसेंजर को भी बंद करने का फैसला लिया जा चुका है।
वेराइजन, yahoo की टेक्नॉलजी से अपने एओएल इंटरनेट बिजनस को नई ऊंचाई तक ले जाने की योजना में है। वेराइजन ने पिछले साल ही 4.4 अरब डॉलर में एओएल को खरीदा था। yahoo के विज्ञापन टूल का इस्तेमाल दुनिया में तेजी से बढ़ते इंटरनेट व्यवसाय के लिए किया जाएगा। वेराइजन के लिए सर्च इंजन, ई-मेल, मेसेंजर आदि भी मददगार साबित होंगे।