आज नवाज शरीफ ने ये बयान देकर खुद साबित कर दिया है कि वो खुद हिजबुल के कमांडर हैं और इस संगठन के सबसे बड़े समर्थक हैं। ऐसा लगाता है आतंकी देश पाकिस्तान के साथ उसके प्रधानमंत्री यानी पीएम नवाज शरीफ भी आतंकी ही है। क्योंकि हाल में सयुंक्त राष्ट्र की महासभा में पीएम नवाज ने ये बयान देकर सबको चौंका दिया जब उन्होंने साफ तौर आतंकी बुरहान वानी का समर्थन किया।
महासभा में दिए बयान में नवाज ने ना सिर्फ बुरहान को कश्मीरी आंदोलन का बड़ा नेता बताया बल्कि उसका सीधे तौर पर पक्ष भी लिया।
नवाज के इस बयान के बाद दुनियाभर के नेताओं के साथ भारतीय नेताओं ने भी इसकी कड़ी आलोचना की। गुरुवार बीजेपी नेता राम माधव ने शरीफ के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नवाज शरीफ खुद हिजबुल कमांडर की तरह बात कर रहे थे लगता है वो खुद एक हिजबुल कमांडर हैं।
उधर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि नवाज़ शरीफ निराश करते जा रहे हैं। वह शख्स जिसने पीएम का अपने जन्मदिन पर स्वागत किया था, अब वह बुरहान वानी की तारीफ कर रहा है। थरूर ने कहा कि इससे यह बात साबित होती है कि हमें इन महाशय (पाक पीएम) से बातचीत में वक्त ज़ाया नहीं करना चाहिए। हमें पाकिस्तान के प्रति अन्य पहलुओं पर गौर फरमाना चाहिए।
वहीं भारत के विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने कहा कि वह ‘उरी हमले में पाकिस्तान की भूमिका’ को पूरी तरह से नकारने में तुले हैं और आतंकी बुरहान वानी का महिमामंडन आतंकवाद से पाकिस्तान के जुड़ाव को दर्शाता है। बुरहान वानी को नेता बताना शर्मनाक है और आतंकी की तारीफ से भारत हैरान है।
अकबर ने कहा ‘हमने एक आतंकवादी का महिमामंडन सुना। वानी हिज्बुल का घोषित कमांडर था, जिसे आतंकी समूह के तौर पर जाना जाता है। यह हैरान करने वाली बात है कि एक राष्ट्र का नेता स्व प्रचारित आतंकवादी का इस तरह के मंच पर महिमामंडन कर सकता है। यह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री द्वारा आत्म दोषारोपण है।
वहीं पाकिस्तान द्वारा अतिरिक्त कदम उठाते हुए बातचीत के लिए लगातार कोशिशों के नवाज शरीफ के दावे पर अकबर ने कहा, ‘हमें पहला कदम ही नहीं दिखा, फिर अतिरिक्त कदम का सवाल कहां आता है? उन्होंने साथ ही कहा कि पाकिस्तान ‘अपने एक हाथ में बंदूक थामकर’ बातचीत करना चाहता है। वार्ता और हिंसा दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते।