मदरसों को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का सख्त रवैया बरकरार है. इस कारण प्रदेशभर के 800 से ज्यादा मदरसे यूपी बोर्ड के परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे.
सरकार की ओर से 836 मदरसे को मंजूरी नहीं मिलने पर सैकड़ों छात्र का भविष्य अधर में लटक गया है. इन मदरसों में पढ़ने वाले छात्र मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षाएं नहीं दे सकेंगे.
प्रदेश सरकार ने यह फैसला तब लिया जब इन मदरसों ने अपना डाटा अपलोड नहीं कराया. इस कारण इन मदरसों को यूपी बोर्ड से पहले परीक्षा फॉर्म भरने की इजाजत नहीं दी गई.
बोर्ड के वेब पोर्टल पर अब तक 2,682 मदरसों ने अपना ब्यौरा अपलोड किया है. जबकि 19,143 मदरसों को अपना ब्यौरा अपलोड करना होगा.
अपना डाटा वेबसाइट पर अपलोड नहीं कराने के कारण इस मदरसों की मान्यता पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं और उनके मान्य होने पर अब तलवार लटक रही है.
सरकार ने पहले ही तय कर रखा है जो मदरसे अपनी जानकारी पोर्टल में अपलोड करेंगे उन्हें ही मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षाएं आयोजित करने का मौका दिया जाएगा.