बुलंदशहर हाईवे पर मां-बेटी के साथ हुई रेप की घटना से प्रदेश ही नहीं, पूरा देश हिल गया है। लेकिन यूपी पुलिस की सोच पर अगर ध्यान दें, तो रेप के लिए महिलाएं कुछ हद तक खुद जिम्मेदार हैं। आरटीआई में मांगी गयी सूचना में अधिकांश थानों ने पश्चिमी सभ्यता और आधुनिक पहनावे को इसका जिम्मेदार बताया है।
रेप की घटनाओं पर यूपी पुलिस ने महिलाओं को बताया खुद जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश में लगातार रेप की घटनाएं बढ़ रही हैं। निर्भया कांड के बाद तमाम कानूनों में संशोधन के बाद भले ही सख्ती हुई हो, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा में पुलिस के स्तर से कोई बदलाव नजर नहीं आया। यही कारण है कि रेप जैसी गंभीर घटनाएं लगातार हो रही हैं।
उत्तर प्रदेश में रेप की घटनाओं को लेकर मेरठ के आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना ने कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। किस थाने में कितनी घटनाएं पिछले पांच सालों में हुईं, इनमें कितनी बढ़ोत्तरी हुई, कितने लोग गिरफ्तार हुए और कितने लोगों को सजा मिली? इसके साथ ही उन्होंने रेप की घटनाएं क्यों हो रही हैं, इस पर भी पुलिस से जवाब मांगा था। जो जवाब यूपी पुलिस की तरफ से आया, वह चौंकाने वाला है। अधिकांश थानों की रिपोर्ट में इसके लिए अप्रत्यक्ष रूप से महिलाओं को जिम्मेदार ठहरा दिया गया।
थाना स्तर से जो कारण बताये गये हैं, उनमें महिलाओं का आधुनिक पहनावा, पश्चिमी सभ्यता का बढ़ता प्रभाव, मोबाइल फोन, इंटरनेट, टीवी, सिनेमा, अशिक्षा, जनसंख्या वृद्धि, महिलाओं की स्वतंत्रता आदि शामिल हैं। एक तरफ जहां पुलिस महिलाओं की स्वतंत्रता और पहनावे पर सवाल खड़े कर रही है। वहीं प्रदेश के डीजीपी उन्होंने स्पष्ट कहा है कि प्रदेश में पुलिस ऐसा माहौल कायम करे, जिसमें महिलाएं बेखौफ घूम सकें।
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