नईदिल्ली: सरकारी नौकरी की आस लगाए बैठे लाखों बेरोज़गार अभ्यर्थियों के लिए सुप्रीम कोर्ट का आया आदेश खुशखबरी लेकर आया है। शीर्ष अदालत ने अटकी पटवारी परीक्षा किए जाने को लेकर हरी झंडी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश देते हुए पटवारी परीक्षा में लगी रोक हटाने के आदेश दे दिए। बेरोज़गार एकीकृत महासंघ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए इसे संघर्ष की जीत करार दिया है।
वहीं, सरकार ने कहा है कि देश में असुरक्षा की जो भावना थी उसे समाप्त करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने कड़े उपाए किए हैं और देश में नक्सली, आतंकवादी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए प्रतिबद्ध है। जो घटनाएं हो रही हैं, वे संक्रमण काल की परिणति हैं।
सरकार ने कहा कि देश में बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुए अरसा गुजर गया, लेकिन साढ़े सात करोड़ परिवार ऐसे थे जो बैंको की देहली पर पैर नहीं रख पाए थे, क्योंकि उन्हें यह भय था कि बिना पूंजी के बैंक में सिर्फ अपमान हो सकता है। मोदी सरकार ने गरीब का सम्मान बढ़ाते हुए जन धन योजना आरंभ की और आज देश के 97 प्रतिशत व्यक्ति बैंक से जुड़ चुके हैं। तीन प्रतिशत जो रह गए हैं वे 26 जनवरी तक जुड़ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बिना पैसे जमा किए बैंक में खाता खोलना संभव हो गया है जिससे खातेदार को एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा और 30 हजार रुपये की चिकित्सा की सुविधा भी दी गई है। यह वित्तीय समाविष्टकरण एक महान सफलता है, जिसने देश के करोड़ों गरीब परिवारों में आत्मविश्वास फूंका है और उनका सम्मान बढ़ाया है।
बेरोजगारी देश की सबसे बड़ी समस्या थी, लेकिन मोदी सरकार ने बेरोजगारी पर मेक इन इंडिया अभियान आरंभ करके जबर्दस्त प्रहार किया है। इस अभियान से हमें तत्काल दो फायदें होंगे। विदेशी मुद्रा बचेगी और रोजगार की संभावनाएं लगातार बढ़ती जाएंगी। उन्होंने पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया में चल रहे सुधार अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि देश में पासपोर्ट बनाने में तेजी लाने के साथ प्रक्रिया को आसान बनाने के प्रयास उनकी सरकार की ओर से जारी है। ई-पासपोर्ट सेवा भी जल्दी शुरू हो जाएगी।
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