बंदर पकड़िए और 18 हजार रुपये महीना वेतन पाइए

download-29दक्षिणी दिल्ली नगर निगम मंकी कैचर को नौकरी पर रखेगा। अभी तक बंदर पकड़ने वालों को प्रति बंदर पैसे का भुगतान किया जाता है। लेकिन अब निगम को मंकी कैचर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में अब उन्हें 18 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी पर रखे जाएंगे।

निगम इसके लिए जल्द विज्ञापन निकालेगा। बंदर और आवारा कुत्तों के चलते यूं तो दिल्ली के तीनों ही निगमों में लोग खासी परेशानी झेल रहे हैं। इन पर लगाम लगाने की कोशिशों को भी खास कामयाबी नहीं मिली है। आवारा कुत्तों के बंध्याकरण के काम में तो फिर भी निगम कर्मचारी और कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं लगी हुई हैं। लेकिन, निगमों को बंदर पकड़ने वाले नहीं मिल पा रहे हैं।
पिछले कुछ वर्षो में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने बंदर पकड़ने वालों को आकर्षित करने के लिए कम से कम छह बार विज्ञापन प्रकाशित कराए। यहां तक कि दक्षिण के राज्यों से भी बंदर पकड़ने वालों को आकर्षित करने का प्रयास हुआ। इसके बावजूद निगम को मंकी कैचर नहीं मिल पा रहे हैं। 
पहले निगम हर बंदर पर आठ सौ रुपये की राशि का भुगतान करता था। लेकिन, मंकी कैचर नहीं मिलने के चलते निगम ने इसे बढ़ाकर 1200 रुपये कर दिया। इसके बावजूद लोग बंदर पकड़ने को तैयार नहीं है। इसके चलते अब निगम ने बंदर पकड़ने वालों को बकायदा अनुबंध पर नौकरी पर रखने की तैयारी कर रहा है। निगम आयुक्त डॉ. पुनीत गोयल ने अगले वित्त वर्ष के बजट में भी इसका प्रस्ताव किया है। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक निगम के सभी चारों जोन में छह-छह मंकी कैचर नौकरी पर रखने की योजना है। दिल्ली के तीनों निगमों और एनडीएमसी व दिल्ली कैंट क्षेत्र में बंदर अक्सर ही उत्पात मचाते हैं। बंदरों से बचाव के लिए लोग अपने स्थानीय निकायों से गुहार भी लगाते हैं। इन बंदरों को पकड़कर असोला भाटी वन क्षेत्र में छोड़ दिया जाता है। हालांकि, वहां से भागकर फिर शहर में आ जाते हैं।
एनडीएमसी इस वर्ष से अपने बजट के लिए अनोखी पहल कर रही है। परिषद ने लोगों से बजट पर सुझाव देने को कहा है। मोबाइल एप ndmc 311 व वेबसाइट ndmc.gov.in पर जाकर सुझाव दिए जा सकते हैं। इसमें भी आवारा कुत्तों और बंदरों के उत्पात को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें की जा रही हैं। आवारा कुत्तों और बंदरों पर अब तक पचास से ज्यादा लोगों ने सुझाव दिए हैं।
नई दिल्ली नगर पालिका क्षेत्र में भी बंदरों के उत्पात जनता परेशान रहती है। जबकि, सांसदों, मंत्रियों व अन्य वीआईपी लोगों के बंगले इसी क्षेत्र में है। इससे निपटने के लिएएनडीएमसी ने लंगूर मैन की तैनाती की है। ये लंगूर मैन बंदरों के झुंड के पास लंगूरों जैसी आवाज निकालते हैं। इससे बंदर भाग जाते हैं।

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