पश्चिम बंगाल: रूपा गांगुली ने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पर लगाए सनसनीखेज आरोप
पश्चिम बंगाल: रूपा गांगुली ने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पर लगाए सनसनीखेज आरोप

पश्चिम बंगाल: रूपा गांगुली ने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पर लगाए सनसनीखेज आरोप

 नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में अपनी जड़े मजबूत करने में जुटी बीजेपी को सोमवार रात को पार्टी के भीतर ही विरोध देखने को मिला. पार्टी की सांसद और पश्चिम बंगाल में बीजेपी लीडर रूपा गांगुली ने पार्टी के राज्य प्रभारी दिलीप घोष पर अभद्रता का आरोप लगाया. रूपा गांगुली ने सोमवार रात करीब साढ़े 12 बजे ट्वीट किए. उन्होंने लिखा- दिलीप घोष ने उन्हें सार्वजनिक तौर पर बेइज्जत किया. रूपा ने आगे कहा है कि वह पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से तो संपर्क कर सकती हैं, लेकिन दिलीप घोष से संपर्क करना मुश्किल हो गया है.पश्चिम बंगाल: रूपा गांगुली ने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पर लगाए सनसनीखेज आरोप

रूपा गांगुली ने एक ट्वीट में दिलीप घोष को टैग करते हुए लिखा- मंगलवार सुबह अपने मीडिया प्रभारी से मुझसे संपर्क करने को कहें. पार्टी की कोर कमेटी के ग्रुप पर कोई भी किसी मैसेज का जवाब नहीं देता है. लग रहा है कि मुझे आपसे मैसेज करने से भी रोका गया है.’

I can message modi ji.. but i am barred from messaging you dilip da.. i can speak to amit bhaisahab .. but you sream at me in public with abusive language.. i always kept quiet because my father taught me to be obedient to the seniors.. you taunted me humiliated me in public ..

उन्होंने लिखा है, मैं मोदी जी को भी मैसेज कर सकती हूं, लेकिन मुझे आपको मैसेज करने से रोका गया है. मैं अमित भाईसाहब से भी बात कर सकती हूं… लेकिन आप मुझपर लोगों के बीच में चिल्लाए, मुझे गाली दी. मैं चुप रही, क्योंकि मेरे पापा ने मुझे सिखाया था कि बड़ों की बात सुन लो और उनका कहना मानो. आपने सार्वजनिक रूप से मुझ पर टिप्पणी की और परेशान किया.

इसके बाद रूपा ने एक ट्वीट में पीएम मोदी को टैग करके लिखा, सर मोदी, आपके अलावा कोई नहीं सुनता है…. हम लोग कोऑपरेटिव फेडरलिज्म में भरोसा नहीं करते हैं.

आपको बता दें कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में अपने पैर जमाने की कोशिश में लगी है. तृणमूल कांग्रेस के नेता मुकुल रॉय के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद टीएमसी को काफी बड़ा झटका लगा है. टीएमसी में रहने के दौरान वह दो बार पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभा चुके थे. अब बीजेपी के सामने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को बेहतर करने की चुनौती होगी.

आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 17 फीसदी वोट मिले थे, हालांकि, उसके हाथ सिर्फ दो सीट ही लगी थीं. 2009 की तुलना में बीजेपी को एक सीट का फायदा हुआ था. इसके अलावा 2016 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी का वोट 6 फीसदी बढ़ा था और पार्टी को 10 फीसदी मत मिले थे. इन चुनावों में बीजेपी के तीन विधायक जीतने में सफल रहे थे. जबकि उसके गठबंधन को 6 सीटें मिली थीं.B

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