पंजाब सरकार के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (ड्रग्स विंग) ने कोल्ड्रिफ सीरप की बिक्री, वितरण और उपयोग पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। इस दवा को नॉन-स्टैंडर्ड क्वालिटी घोषित करने के बाद विभाग ने यह कदम उठाया है।
यह रिपोर्ट मध्य प्रदेश ड्रग्स टेस्टिंग लैबोरेटरी की तरफ से जारी की गई थी। साथ ही पंजाब में इस कंपनी की बाकी दवाओं के इस्तेमाल पर भी फिलहाल रोक लगा दी है। जांच में पाया गया कि इस में सीरप डायथिलीन ग्लाइकोल की अत्यधिक 46.28% मात्रा पाई गई है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह सीरप स्रेसन फार्मास्युटिकल्स कांचीपुरम तमिलनाडु की ओर से तैयार किया गया है।
विभाग के अनुसार यह दवा मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की हालिया मौतों से जुड़ी बताई जा रही है जिसके चलते पंजाब में इसे तुरंत प्रतिबंधित किया गया है। आदेश में सभी खुदरा विक्रेता, वितरक, अस्पतालों और डॉक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे इस सीरप को खरीदने, बेचने के साथ ही इसका उपयोग न करें। अगर सूबे में इस उत्पाद का कोई भी स्टॉक पाया जाता है तो उसकी जानकारी drugcontrol.fda@punjab.gov.in पर दी जा सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि खांसी की दवाई कोल्ड्रिफ मध्य प्रदेश में 16 बच्चों की मौत का कारण बनी है जो बहुत ही दुखदायी घटना है। सरकार ने पंजाब में कोल्ड्रिफ को बैन कर दिया है। प्रदेश में कहीं पर भी इसकी बिक्री नहीं हो पाएगी। ड्रग्स इंस्पेक्टरों और सिविल सर्जन और सभी केमिस्ट को जानकारी दे दी गई है कि तमिलनाडु की कंपनी की दवा कोल्ड्रिफ खरीदी व बेची न जाए। सरकारी अस्पतालों में आने वाली सभी दवाओं की पहले टेस्टिंग की जाती है, इसलिए बिना डरे दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।
डॉ. बलबीर ने कहा कि घरेलू उपायों का अधिक इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसमें बच्चों को तुलसी का पानी, इलायची, अदरक, शहद और काढ़ा दे सकते हैं। जो भी कोल्ड्रिफ बेचता हुआ पाया गया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।