नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने रविवार को अचानक कैबिनेट मीटिंग बुलाकर संसद भंग करने का निर्णय लिया है. पीएम केपी शर्मा ओली ने कैबिनेट की सिफारिश को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है.

नेपाल के ऊर्जा मंत्री बर्समान पुन ने बताया कि पीएम केपी शर्मा ओली की ओर से बुलाई गई एक आपातकालीन बैठक में कैबिनेट ने संसद को भंग करने की सिफारिश की. सिफारिश को राष्ट्रपति के पास भेजा गया है. वहीं सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रवक्ता नारायणजी श्रेष्ठ ने कहा कि यह निर्णय जल्दबाजी में किया गया है क्योंकि आज सुबह कैबिनेट की बैठक में सभी मंत्री उपस्थित नहीं थे. यह लोकतांत्रिक मानदंडों के खिलाफ है और राष्ट्र को पीछे ले जाएगा. इसे लागू नहीं किया जा सकता.
नेपाल में यह राजनीतिक घटनाक्रम तब सामने आया है जब हाल ही में नेपाली कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि ओली सरकार देश में राजतंत्रवादियों का खुलकर समर्थन कर रही है.
नेपाल की मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि के पी शर्मा ओली सरकार देश के विभिन्न हिस्सों में राजशाही समर्थक रैलियों को रणनीतिक तरीके से सपोर्ट कर रही है. इन रैलियों में संवैधानिक राजतंत्र को बहाल करने और देश को हिंदू राष्ट्र के रूप में फिर से स्थापित करने की मांग की गई थी.
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