इससे पाकिस्तान से आए 160 हिंदू परिवारों पर आशियाने का संकट गहरा गया है। शरणार्थियों को बृहस्पतिवार तक जगह खाली करने का आदेश दिया गया है। सभी को रैन बसेरों में शिफ्ट करने की व्यवस्था की गई है।
मजनू का टीला स्थित हिंदू शरणार्थी कैंप को हटाने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के नोटिस जारी किया है। इससे पाकिस्तान से आए 160 हिंदू परिवारों पर आशियाने का संकट गहरा गया है। शरणार्थियों को बृहस्पतिवार तक जगह खाली करने का आदेश दिया गया है। सभी को रैन बसेरों में शिफ्ट करने की व्यवस्था की गई है।
अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशानुसार डीडीए को जमीन खाली कराने के लिए कहा गया है। हालांकि, अभी पुलिस का इंतजाम नहीं हो पाया है। जैसे ही पुलिस की व्यवस्था होगी कार्रवाई की जाएगी। लोगों को जारी नोटिस में कहा गया है कि एनजीटी के ऑर्डर के बाद डीडीए को यमुना बाढ़ क्षेत्र से सभी अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए गए हैं।
बृहस्पतिवार व शुक्रवार को यमुना बाढ़ क्षेत्र में मजनू का टीला के पास सभी झुग्गी-झोपड़ियों व अन्य तरह का अतिक्रमण हटाया जाना है। प्रभावित परिवारों के लिए दिल्ली आश्रय सुधार बोर्ड के रैन बसेरों में अस्थायी निवास की व्यवस्था की गई है। लोग आश्रय गृह ब्लॉक 10, गुरुद्वारा गीता कॉलोनी, आश्रय गृह सेक्टर 3, फेज-1, द्वारका में अस्थायी रूप से रह सकते हैं।
तिब्बती कॉलोनी को भी हटाए डीडीए : प्रधान
हिंदू शरणार्थी कैंप के प्रधान दयाल दास ने बताया कि वे इस मामले को लेकर सांसद मनोज तिवारी से भी मिले थे। उन्होंने आश्वासन दिया है कि उन्हें यहां से नहीं हटाया जाएगा। यहां पाकिस्तान से आए 160 से अधिक परिवारों के 750 से अधिक लोग रहते हैं। जिस चीज का हवाला हाईकोर्ट व डीडीए ने दिया है, ऐसे में तो तिब्बत कॉलोनी व मार्केट को भी हटाया जाना चाहिए। यहां रहते हुए उन्हें वर्षों हो गए हैं। बच्चों के स्कूल यहां हैं, अगर हटाया जाता है तो बच्चे कैसे पढ़ाई करेंगे।
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