मंगल ग्रह पर जीवन है या फिर नहीं ये सवाल बीते कई सालों से लोगों की जुबान पर है। लेकिन हाल ही में ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने जो दावा किया है वो कुछ लोगों की उम्मीद को चकनाचूर जरूर कर सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक मंगल की सतह ने मौजूद पानी को सोख लिया है जिस वजह से वो मनुष्यों के रहने लायक नहीं रह गया है। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी ने ग्रह की परिस्थितियों में हुए सूक्ष्म बदलाव को भी सामने रखा।
इसमें कहा गया का मंगल ग्रह पर पानी धरती की तरह मौजूद था लेकिन वर्तमान समय में वो बंजर और सूखा बन गया है। हालांकि मंगल पर पानी है या फिर नहीं इस बारे में कई वैज्ञानिकों ने अपने शोध में अलग अलग बात की है।
‘द इंडिपेडेंट’ की रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने मंगल पर पानी के साथ क्या हुआ इसको लेकर एक विचार प्रस्तुत किया है। पहले किए गए शोध में कहा गया कि मंगल के चुंबकीय फील्ड के टूट जाने के बाद सतह ने पानी को पूरी तरह से सोख लिया लेकिन नई रिसर्च में कहा गया कि पानी है लेकिन वो केमिकल रिऐक्शन की वजह से सतह में दबा हैं।
वहीं मुख्य शोधकर्ता डॉ जॉन वेड कहते हैं कि मंगल ग्रहर पर पानी ताजा निकले लावे में फंसा गया है जिससे लावा स्पंज की तरह दिख रहा है। पानी और चट्टान के बीच केमिकल रिऐक्शन के कारण ग्रह की ऊपरी सतह सूख गई है। जिस वजह से यहां की स्थिति मनुष्यों के रहने लायक नहीं है।