बेलगावी। डोकलाम में चीन के सैनिक मौजूद जरूर हैं,मगर यहां भारत और चीन की सेना आमने – सामने नहीं है। मामले में जनरल रावत ने कहा कि, अगस्त माह में इस शर्त पर गतिरोध हुआ था कि, दोनों ही देशों के सैनिक आमने – सामने नहीं होंगे। यह जानकारी थल सेना के प्रमुख जनरल विपिन रावत ने दी। उन्होंने मडियाकर्मियों से चर्चा करते हुए कहा कि, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी इस समय वहां मौजूद है लेकिन, वे हमसे एक निश्चित दूरी बनाए हुए हैं।
जब उनसे जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन को लेकर सवाल किए गए, तो उन्होंने इस बात को नकार दिया और कहा कि, इन मामलों में शिकायतें मिलने पर कड़ी कार्रवाई की गई है। वे मराठा लाइट इन्फ्रैंट्री की 23 वीं और 24 वीं बटालियन को संबोधित कर रहे थे। उनका कहना था कि, पाकिस्तान व चीन से सटी सीमा पर बेहतर निगरानी हेतु वे आधुनिक उपकरणों का उपयोग करेंगे।
गौरतलब है कि, चीन और भारत के बीच सिक्किम में सीमा विवाद हो गया था। इस दौरान डोकलाम में चीन के सैनिक सीमा क्षेत्र में दाखिल हो गए थे, और उन्होंने यहां सड़क निर्माण किया था। सड़क निर्माण कार्य पर भारत के सैनिकों ने आपत्ती ली थी और, ऐसे में दोनों देशों के बीच विवाद हो गया था।
बाद में चीन के सैनिक डोकलाम से पीछे हट गए थे। मगर अब जानकारी सामने आई है कि, चीन के सैनिकों की डोकलाम में मौजूदगी बढ़ रही है। इस तरह के हालात भारत के लिए गंभीर हैं। भारतीय सेना के प्रमुख जनरल विपिन रावत ने जिस तरह से मीडिया से चर्चा की है उनसे लगता है कि हालात भारत के नियंत्रण में हैं।