PLA पिछले कुछ सालों से इस सड़क पर अधिकार जमा रहा है और नियमित रूप से क्षेत्र में गश्ती दल भेजता है। और ये ऐसे वक्त में हो रहा है जब चीन और भारत ने सिक्कम-भूटान-तिब्बत ट्राइजंक्शन पर मिलिट्री फोर्स का स्तर बढ़ा दिया है।
सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों की सेनाएं हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर हैं। चीन में सत्ता परिवर्तन होने वाला है, हालांकि इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि शी जिनपिंग ही दोबारा सत्ता संभालेंगे।पिछले महीने सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन सिंह रावत ने चेतावनी दी थी कि चीन विवादित क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को जारी रखेगा। हमें अपनी तरफ से पूरी तरह तैयार रहना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक, डोकलाम पहाड़ी पर चीन धीरे-धीरे अपनी सैन्य टुकड़ी को बढ़ा रहा है और यह भारत के लिए चिंता का कारण हो सकता है।
चुंबी वैली में चीनी सेना की मौजूदगी से तनाव के संकेत वायुसेना अध्यक्ष बीएस धनोआ ने भी दिए हैं। धनोआ ने कहा कि चुंबी में चीनी सेना अब भी मौजूद है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि जैसे ही उनका सैन्य अभ्यास खत्म हो जाएगा वह उस इलाके से हट जाएंगे।
दरअसल चीन और भूटान के बीच डोकलाम को लेकर विवाद है और इस मामले में भारत थिम्पू का समर्थन करता रहा है। विवादित क्षेत्र में चीन की सेना द्वारा सड़क निर्माण रोकने को लेकर डोकलाम में भारत और चीन की सेना में 16 जून से 73 दिनों तक तनातनी चली। 28 अगस्त को यह गतिरोध समाप्त हुआ।