फ्लोरिंग में काम आने वाली टाइल्स की पैकिंग पर मैन्यूफैक्चरिंग डेट और एमआरपी नहीं लिखने पर नापतौल विभाग ने प्रदेश में पहली बार टाइल्स के निर्माताओं पर कार्रवाई करते हुए दो विक्रेताओं से ढाई लाख रुपए की समझौता राशि वसूल की है। दोनों कंपनियां गुजरात की हैं। उनकी टाइल्स के बॉक्स पर एमआरपी और मैन्यूफैक्चर डेट नहीं थी।
उपनियत्रंक आरके द्विवेदी ने बताया कि पिछले दिनों हमने टाइल्स विक्रेताओं के यहां आकस्मिक जांच की थी। इसमें दो कंपनियों मेसर्स हिल स्टोन सिरेमिक प्रालि राजकोट (गुजरात) और मेसर्स ओपेल सिरेमिक इंडस्ट्रीज जिला मोरबी (गुजरात) की टाइल्स के बॉक्स मिले थे।
इन बॉक्स पर एमआरपी और मैन्यूफैक्चर डेट अंकित नहीं थी। दोनों कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। कंपनियां विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 की धारा 18/36 सहपठित विधिक माप विज्ञान पैकेज में रखी वस्तुएं नियम 2011 की धारा 6 (1) का उल्लंघन कर रही थी।
कार्रवाई करने वाली टीम के निरीक्षक एचपी पटेल ने कंपनियों को पत्र लिखकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। कंपनी के अधिकारियों ने यहां आकर संपर्क किया तो अपनी गलती स्वीकार की। द्विवेदी ने बताया कि कंपनी को समझौता राशि जमा करने के लिए कहा गया। जिसके बाद कंपनी ने कोषालय में राशि जमा करवा दी है।
कंपनी के साथ डायरेक्टरों पर भी जुर्माना
निरीक्षक एचपी पटेल ने बताया कि विभागीय नियम के आउट ऑफ स्टेट मैन्यूफैक्चर के मामले में कंपनी के साथ-साथ उसके जितने भी डायरेक्टर या पार्टनर होते हैं उन पर भी जुर्माना किया जाता है। इन दोनों कंपनियों के 4 डायरेक्टर थे। इसलिए प्रति कंपनी सवा लाख का जुर्माना हुआ है।
पैकेट में बंद हर चीज पर लागू होता है नियम
अधिकारियों के मुताबिक आम तौर पर उपभोक्ता हार्डवेयर के मामले में शिकायत नहीं करता है लेकिन विधिक माप विज्ञान अधिनियम के तहत ऐसा करना जरूरी होता है। आम उपभोक्ता कोई भी पैकेटबंद चीज ले तो उस पर मैन्यूफैक्चर डेट, बेच नंबर, नेट वेट, एमआरपी जरूर चेक करें।
ऐसा नहीं होने पर बिल लें और नापतौल विभाग को शिकायत करें। अधिकारियों ने यह भी बताया कि नए नियमों के अनुसार मैन्यूफैक्चर को अपने पूरे पते के साथ अपना ई-मेल एड्रेस देना भी जरूरी होता है। अगर ऐसा नहीं है तो भी शिकायत की जा सकती है। वहीं अगर कोई व्यक्ति जॉब वर्क पर कोई प्रोडक्ट बनवाकर बेच रहा है तो भी उसे अपने पैकेट में मैन्यूफैक्चर की पूरी डिटेल डालना अनिवार्य है।
इन लोगों पर हुई कार्रवाई
मेसर्स हिल स्टोन सिरेमिक प्राइवेट लिमिटेड 25000
दिनेश कुमार रामगोपाल डायरेक्टर 25000
महादेव रघुभाई देतरोजा डायरेक्टर 25000
कल्पेश गोपालभाई जालारिया डायरेक्टर 25000
महेन्द्र कुमार डायरेक्टर 25000
मेसर्स ओपेल सिरेमिक इंडस्ट्रीज 25000
जयप्रकाश पटेल पार्टनर 25000
दिलीप कुमार पटेल पाटर्नर 25000
मनोज कुमार पार्टनर 25000
अश्विनी कुमार पार्टनर 25000