शहरों को रहने लायक बनाने के लिए पर्यावरण को स्वच्छ, अधिक किफायती और सुखद बनाने में हर साल प्रत्येक मेगा सिटी पर 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ती है जबकि मुफ्त में यही काम पेड़ भी कर सकते हैं. मुंबई सहित दस मेगासिटी पर किए गए अध्ययन में यह पता चला है.
मेगा सिटीज दुनिया की 7.5 अरब लोगों में से दस फीसदी आबादी का घर होते हैं. शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि पेड़ आधारित पारिस्थितिकी तंत्र से होने वाले लाभ का औसत वार्ष कि मूल्य 50 करोड़ 50 लाख डॉलर था जो 12 लाख डॉलर प्रति वर्ग किलोमीटर में फैले पेड़ों के बराबर है. उन्होंने कहा कि मेगा सिटी के प्रत्येक औसत निवासी के लिए पेड़ों से होने वाले लाभ का मूल्य 35 डॉलर प्रति व्यक्ति बैठता है. उनका कहना है कि और अधिक पेड़ लगाकर इस लाभ को दोगुना किया जा सकता है.
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अमेरिका में द स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क कॉलेज ऑफ एनवायरमेंटल साइंस एंड फोरेस्ट्री के थियोडोर एंड्रेनी ने कहा, मेगा सिटीज 85 प्रतिशत तक के औसत से इन लाभों को बढ़ा सकती हैं. जर्नल इकोलॉजिकल मॉडलिंग में प्रकाशित इस अध्ययन के मुख्य लेखक एंड्रेनी ने कहा, अगर अधिकतम क्षेत्र तक पेड़ लगाए जाएं तो वे हवा को साफ करने और पानी को स्वच्छ बनाने तथा इमारत की ऊर्जा खपत को कम करने में मदद कर सकते हैं.
यही नहीं, शहरी इलाके में अन्य प्रजातियों के लिए प्राकृतिक वास और संसाधन उपलब्ध करा कर मनुष्य के जीवन स्तर में सुधार ला सकते हैं. अध्ययन में बीजिंग, ब्यूनस आयर्स, काहिरा, इस्तांबुल, लंदन, लॉस एंजिलिस, मैक्सिको सिटी, मॉस्को, मुंबई और टोक्यो मेगा सिटीज शामिल हैं.
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