शारीरिक संबंध बनाते वक्त कुछ लड़कियां हंसती रहती हैं। मानों उन्हें गुदगुदी लग रही हो। वैसे विज्ञान यह साबित कर चुका है कि सेक्स के दौरान बॉडी में रिलीज होने वाले केमिकल्स आपके मूड को लिफ्ट करते हुए खुशी का एहसास करवाते हैं। दूसरी ओर हंसी की बात करें तो यह प्रतिक्रिया ही हमारी खुशी झलकाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हंसी और सेक्स के बीच में कनेक्शन है।
शारीरिक संबंध के वक्त प्लेजर की फीलिंग
हंसने के दौरान का प्लेजर और सेक्स का प्लेजर अलग-अलग होता है। अगर इनको मिला दिया जाए तो सेक्शुअल ऐक्टिविटी और बेहतर बन जाता है। सेक्स के दौरान हंसी बॉडी रिलैक्स करने में मदद करती है, जिससे ऑर्गैजम में आसानी होती है।
इम्यून सिस्टम को करते हैं बूस्ट
सेक्स और हंसी दोनों ही इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग करते हैं। जहां ज्यादा हंसने वाला व्यक्ति सर्दी और खांसी से दूर रहता है, वहीं सेक्स पुरुषों के दिल को ज्यादा हेल्दी रखता है। एक रिसर्च में हर सप्ताह तीन से चार बार सेक्स करने वालों में सप्ताह में एक बार सेक्स करने वालों के मुकाबले ज्यादा ऐंटीबॉडीज पाई गईं थीं।
स्ट्रॉन्ग बॉन्ड
साथ में हंसना और सेक्स आपके बीच के बॉन्ड को भी दिखाता है। हर किसी के साथ हंसना पॉसिबल नहीं है ऐसा ही केस सेक्स के साथ होता है। ऐसे में अगर आपका पार्टनर यह दोनों चीजें आपके साथ करता है तो यह आपके स्ट्रॉन्ग बॉन्ड की झलक है।
हंसी दूर कर देता है झिझक
सेक्स को लेकर कई कपल्स के बीच झिझक होती है। फर्स्ट टाइम सेक्स के दौरान यह सबसे ज्यादा होता है, ऐसे में हंसना इसका सॉल्यूशन है। साथ में बैठकर कॉमिडी शो या फिल्म देखें, यह आपके बीच का टेंशन दूर कर देगा और दोनों सहज हो सकेंगे।
बॉडी का सेंसिटिव हो जाना
हंसने के बाद ब्रेन को केमिकल छोड़ता है उसके कारण महिलाओं की बॉडी सेंसिटिव हो जाती है। सेक्स के दौरान भी ऐसा ही होता है। ऐसे में सेक्स से पहले हंसना न सिर्फ महिलाओं के माइंड को रिलैक्स करता है बल्कि ऑर्गैजम में भी मदद करता है।
शारीरिक संबंध बनाते वक्त क्या सोचती हैं महिलाएं?
आपको बता दें कि महिलाएं शारीरिक संबंध बनाते वक्त क्या चाहती हैं इसे लेकर एक सर्वे हुआ है। यह सर्वे जनरल ऑफ सेक्स एंड मैरिटल थैरेपी में प्रकाशित हुआ है। सर्वे में महिलाओं के चरम सुख को लेकर अध्ययन किया गया है।
यह सर्वे 1,055 हेट्रोसेक्शुअल महिलाओं पर किया गया है। सभी महिलाएं अमेरिका की रहने वाली हैं। शोधकर्ताओं ने इन महिलाओं के यौन व्यवहार पर कई तरह के सवाल किए। इस सर्वे में 18 साल की उम्र से लेकर 94 साल की उम्र तक की महिलाओं ने भाग लिया।
इंडियाना यूनिवर्सिटी के डेबी हरबैनिक का कहना है कि उन्होंने इस सर्वे में यह जानने की कोशिश की है कि महिलाएं बेडरूम में क्या चाहती हैं?
इस सर्वे में पूछे गए सवालों के जवाब में 36 फीसदी महिलाओं ने कहा कि वह शारीरिक संबंध बनाने के दौरान चरम उत्तेजना तक पहुंचने के लिए क्लिटोरल उत्तेजना का सहारा लेती हैं। वहीं, पांच से भी कम महिलाओं ने कहा कि शारीरिक संबंध के दौरान चरम उत्तेजना हासिल करने के लिए इंटरकोर्स ही काफी है।
36 फीसदी महिलाओं ने यह भी स्वीकार किया कि शारीरिक संबंधों के दौरान चरम उत्तेजना तक पहुंचने के लिए वे क्लिटोरल उत्तेजना की जरूरत नहीं है।
इस सर्वे में महिलाओं ने अपनी यौन इच्छाओं को लेकर खुलकर बातचीत की और बताया कि वे अपने पार्टनर के साथ अंतरंग होते वक्त क्या चाहती हैं।
सर्वे में भाग लेने वाली महिलाओं में से आधे से कम महिलाओं ने यह भी कहा कि उन्हें अपने पार्टनर के साथ वक्त बिताने और भावनात्मक तौर पर जुड़ना सबसे ज्यादा अच्छा लगता है।