बर्फीली हवाओं की चपेट में मध्यप्रदेश, कोहरे से जनजीवन बेहाल, पारा 4 डिग्री से नीचे लुढ़का

मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का असर लगातार बना हुआ है। ग्वालियर-चंबल समेत प्रदेश के कई जिलों में दृश्यता बेहद कम हो गई है, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ है। शहडोल का कल्याणपुर 3.4 डिग्री सेल्सियस के साथ प्रदेश का सबसे ठंडा इलाका रहा।

मध्यप्रदेश इस समय कड़ाके की ठंड और घने कोहरे की दोहरी मार झेल रहा है। प्रदेश का उत्तरी और मध्य हिस्सा कोहरे की चादर में लिपटा हुआ है, जबकि पहाड़ी राज्यों से आ रही सर्द हवाओं ने ठिठुरन और बढ़ा दी है। रविवार को ग्वालियर-चंबल अंचल समेत प्रदेश के करीब आधे हिस्से में घना और मध्यम कोहरा छाया रहा। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि शहडोल जिले का कल्याणपुर प्रदेश ही नहीं, बल्कि कई हिल स्टेशनों से भी ज्यादा ठंडा रिकॉर्ड किया गया। शनिवार-रविवार की रात यहां न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो मसूरी, शिमला, श्रीनगर और मनाली जैसे ठंडे इलाकों से भी कम रहा।

सोमवार 16 जिलों में कोहरे का असर

सोमवार की सुबह भी हालात जस के तस बने रहे। ग्वालियर, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, पन्ना, कटनी, सतना, मैहर, उमरिया, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज और रीवा में घना कोहरा छाया रहा। राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर में भी मध्यम कोहरे के कारण दृश्यता प्रभावित रही। कई इलाकों में विजिबिलिटी 200 मीटर से भी कम रिकॉर्ड की गई, जिससे सड़क और रेल यातायात पर सीधा असर पड़ा।

दिल्ली रूट की ट्रेनें सबसे ज्यादा प्रभावित

कोहरे का सबसे बड़ा असर दिल्ली से मध्यप्रदेश आने वाली ट्रेनों पर दिख रहा है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन रूट की कई ट्रेनें घंटों देरी से पहुंच रही हैं। मालवा एक्सप्रेस, झेलम, शताब्दी, सचखंड और पंजाब मेल जैसी ट्रेनें 6 से 8 घंटे तक लेट चल रही हैं। 16 दिसंबर के बाद से लगातार ट्रेन और फ्लाइट सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

पहाड़ों में बर्फबारी, एमपी तक पहुंची सर्द हवाएं

हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ के चलते जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग और सोनमर्ग में बर्फबारी हो रही है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बदले मौसम का असर अब मध्यप्रदेश तक पहुंच चुका है। इन्हीं पहाड़ी राज्यों से आ रही बर्फीली हवाओं ने प्रदेश में तापमान को और नीचे धकेल दिया है।

तापमान का हाल,कई शहर 5 डिग्री के करीब

प्रदेश के कई हिस्सों में पारा सामान्य से काफी नीचे चला गया है। उमरिया में 4.7, पचमढ़ी में 4.8, खजुराहो में 6, मलाजखंड में 6.1, रीवा में 7, बैतूल में 7.2 और रायसेन में 7.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 6.8, इंदौर में 7.5, ग्वालियर में 9.3, उज्जैन में 10.5 और जबलपुर में 8.2 डिग्री सेल्सियस रहा।

नवंबर-दिसंबर में टूटा ठंड का रिकॉर्ड

इस बार सर्दी ने नवंबर और दिसंबर दोनों महीनों में पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भोपाल में नवंबर के दौरान 15 दिन तक शीतलहर चली, जो 1931 के बाद सबसे लंबा दौर माना जा रहा है। वहीं 17 नवंबर की रात पारा 5.2 डिग्री तक पहुंच गया था, जो अब तक का रिकॉर्ड है। मौसम विभाग के मुताबिक दिसंबर और जनवरी ठंड के लिहाज से सबसे अहम महीने होते हैं। इन्हीं दिनों उत्तर भारत से सर्द हवाएं सबसे ज्यादा पहुंचती हैं, जिससे तापमान में तेज गिरावट और ठिठुरन बढ़ जाती है।

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