आप सभी को बता दें कि दिवाली की अगली सुबह गोवर्धन पूजा की जाती है और इस दिन का भी बहुत बड़ा महत्व है. कहते हैं इस दिन भी दिवाली की खुशियां मनाई जाती हैं और दिवाली की अगली सुबह गोवर्धन पूजा की जाती है.
वहीं लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं और गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है. कहा जाता है गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है और इस दिन बलि पूजा, अन्न कूट, मार्गपाली आदि उत्सव भी सम्पन्न होते है.
कार्तिक शुक्ल पक्ष में की जाती है गोवर्धन की पूजा
ऐसे में अन्नकूट या गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारम्भ हुई और कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोवर्धन की पूजा की जाती है. आप सभी को बता दें कि इस साल यह पर्व 8 नवम्बर गुरूवार को मनाया जाने वाला है यानी कल.
आप सभी को यह भी बता दें कि यह पर्व उत्तर भारत में विशेषकर मथुरा क्षेत्र में बहुत ही धूम-धाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है और यह भगवान कृष्ण के लिए मनाया जाता है. अब आइए जानते है क्या है गोवर्धन पूजा का महत्व.
गोवर्धन पूजा का महत्व
कहा जाता है और ऐसा भी माना जाता है कि ये उत्सव खुशी का उत्सव है और इस दिन जो दुखी रहेगा तो वो वर्ष भर दुखी ही रहेगा और इस दिन खुश रहने वाला व्यक्ति वर्ष भर खुश रहता है. इस वजह से गोवर्धन पूजा करना बहुत ही जरूरी माना जाता है.