वाशिंगटन। अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनका देश चीन को एशियाई देशों को ‘‘परेशान’’ करने या उन पर ‘‘दबंगई’’ करने की अनुमति नहीं देगा. पूर्वी एशियाई और प्रशांत मामलों की कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री सुसान थॉर्नटन ने सीनेट फोरेन रिलेशंस कमेटी के सदस्यों से कहा कि ट्रंप प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका चीन के साथ ‘‘फलदायी’’ संबंध चाहता है और दोनों देशों को मतभेद सुलझाने के लिए काम करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हम इस बात को लेकर भी स्पष्ट रहे हैं कि हम एशिया में अमेरिका को विस्थापित करने और क्षेत्र में देशों पर बलप्रयोग करने की चीन की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. सुसान ने कहा कि चीन के उदय को सक्षम बनाने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रणाली यदि जारी रहती है, तो नियमों और मानकों का पालन किया जाना चाहिए और देशों को परेशान किया या डराया नहीं जाना चाहिए, बल्कि उनके साथ समानता का व्यवहार होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि ट्रंप के नेतृत्व में प्रशासन भारत-प्रशांत रणनीति के जरिए क्षेत्र में साझीदारियों को बढ़ाने और संबंधों को गहरा करने की दिशा में काम कर रहा है. सुसान ने कहा कि अमेरिका एक प्रशांत शक्ति है और वह इस क्षेत्र की सफलता के प्रति प्रतिबद्ध रहेगा.
उन्होंने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में उत्तर कोरिया के खतरे, दबंग चीन का उदय और आतंकवाद और अतिवाद का प्रसार समेत ‘‘अत्यंत वास्तिवक सुरक्षा’’ और आर्थिक चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और मानवाधिकारों का पतन तथा भ्रष्टाचार भी कुछ देशों में स्थिरता और विकास की संभावनाओं को कमजोर कर रहे हैं.
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