गोरखपुर में पिछले सात दिनों में हुई करीब 70 बच्चों की मौत ने योगी सरकार को चौतरफा घेर कर रख दिया है. लेकिन इतना कुछ हो जाने के बाद भी योगी सरकार अपनी गलती नहीं मान रही है. हादसे के बाद रविवार को अस्पताल पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने इस बार से साफ इनकार कर दिया कि सरकार की ओर से किसी तरह की कोई लापरवाही हुई है.
गोरखपुर सीएम योगी आदित्यनाथ का कर्म क्षेत्र है. वे गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से ही सांसद हैं. पिछले कई सालों से योगी इस क्षेत्र से सक्रिय राजनीति कर रहे हैं. योगी इस इलाके की समस्याएं व्यक्तिगत स्तर पर देखते हैं. ऐसे में अगर वे अपने गृहजनपद में हुई इस घटना को सरकारी चूक मानते हैं तो विपक्ष इस मुद्दे को और बड़े स्तर पर घेर सकती है.
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इस मामले में उत्तर प्रदेश के स्वास्थय मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह बुरी तरह घिरे हुए हैं. इलाहाबाद में उनके घर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अंडे और टमाटर भी फेंके हैं. बता दें कि घटना के बाद सिद्धार्थ नाथ सिंह का बयान आया था, कि इन मौतों का कारण सिर्फ ऑक्सीजन की कमी नहीं है. लेकिन बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन सप्लाई वाली कंपनी को हटा कर नई कंपनी के साथ करार किया गया है. मोदी कैमिकल प्राइवेट लिमिटेड की जगह इलाहाबाद की नई कंपनी इंपीरिस गैसेज लिमिटेड फिलहाल ट्रायल के तौर पर गैस सप्लाई कर रही है. यह कंपनी सिद्धार्थ नाथ सिंह के किसी करीबी की बताई जा रही है.
दरअसल जापानी एन्सेफलाइटिस और इससे होने वाली मौतों का मुद्दा योगी आदित्यनाथ खुद कई बार सड़कों पर और संसद मे उठा चुके हैं. लेकिन वह तब हुआ था जब केन्द्र में कांग्रेस थी और यूपी में बीजेपी विपक्ष में बैठी थी. अब अगर योगी जब खुद राज्य में सत्ता के शीर्ष पर हैं और इस मामले में सरकारी नाकामी कबूलते हैं तो वह उनके शासन पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा करेगा.
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