जम्मू कश्मीर में इस साल ऑपरेशन ऑल आउट में जहां 14 दिसंबर तक 206 आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने अलग-अलग ऑपरेशन में ढेर किया है, वहीं इस साल 14 दिसंबर तक 75 सुरक्षाबलों के जवान ऑपरेशन ऑल आउट में शहीद भी हुए. 337 आतंकी घटनाओं में शहीद हुए 75 जवान अलग-अलग राज्यों से शामिल है.
अपने लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने सूची जारी करते हुए जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक साल 2004 से लेकर 2017 में अब तक 4633 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने उनके अंजाम तक पहुंचा दिया है. आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं, जिसमें पिछले साल (2016) में 322 आतंकी घटनाओं में 82 जवान शहीद हुए थे. जबकि 150 आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने ढेर किया था. पिछले 14 सालों में सबसे ज्यादा 2004 में 2565 आतंकी घटनाएं हुई थी, जिनमें 281 सुरक्षाबलों के जवान शहीद हुए थे. जबकि रिकॉर्ड 976 आतंकवादियों को 2004 में सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था.
कश्मीर में जिस तरीके से सुरक्षा बल आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे हैं, उससे सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक आर्मी इस वक्त बौखलाई हुई है. खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाफिज सईद की रिहाई के बाद पाकिस्तान की एजेंसी और आर्मी, भारत में बड़ी घुसपैठ कराने की फिराक में हैं और इसके लिए बाकायदा उसने अलग-अलग आतंकी संगठनों के साथ मीटिंग भी की है.
सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान आर्मी और ISI आतंकी हाफिज सईद को ट्रेनिंग कैंप और लॉन्चिंग पैड में भी लेकर जा सकती है, जहां पर वह आतंकवादियों की घुसपैठ से पहले उनका ब्रेनवॉश करा सके. आतंक के आका ऑपरेशन ऑल आउट से बौखलाए हुए हैं. वह कश्मीर घाटी में अशांति जारी रखना चाहते हैं ताकि वह अपनी रोटियां सेकते रहें. लेकिन सुरक्षा बल जिस तरह इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर इस वक्त ऑपरेशन कर रहे हैं, वैसे में आतंकियों के मंसूबे कामयाब नहीं होने वाले हैं.